Justice Yashwant Verma's plea rejected in cash scam case: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने आंतरिक तीन न्यायाधीशों की जांच समिति की रिपोर्ट और पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश को चुनौती दी थी।
Cash discovery row: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने आंतरिक तीन न्यायाधीशों की जांच समिति की रिपोर्ट और पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए जी मसीह की पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति वर्मा का आचरण विश्वास पैदा नहीं करता और उनकी याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आंतरिक प्रक्रिया और तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश द्वारा नियुक्त न्यायाधीश समिति ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया और उन्हें हटाने की सिफारिश के साथ प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजना असंवैधानिक नहीं था।
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आंतरिक जांच रिपोर्ट को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें आंतरिक जांच घोटाले में दोषी ठहराया गया था, और साथ ही तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने की सिफारिश को भी चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ, जिसने 30 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने आज (7 अगस्त) को फैसला सुनाया।