कार्तिक माह की पूर्णिमा साल की सबसे पुनीत और शुभ पूर्णिमा मानी जाती है। इस दिन देश भर में लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान देते हैं। इस दिन सुबह गंगा स्नान और शाम को घाट पर दीपदान किया जाता है।
Kartik Purnima 2025 : कार्तिक माह की पूर्णिमा साल की सबसे पुनीत और शुभ पूर्णिमा मानी जाती है। इस दिन देश भर में लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान देते हैं। इस दिन सुबह गंगा स्नान और शाम को घाट पर दीपदान किया जाता है। देव दिवाली का शिव जी से गहरा संबंध है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था।भगवान विष्णु ने यह अवतार वेदों की रक्षा, प्रलय के अंत तक सप्तऋषियों, अनाजों एवं राजा सत्यव्रत की रक्षा के लिए लिया था। कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2025) इस बार 5 नवंबर को मनाई जा रही है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग जरूर लगाना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा के समय लक्ष्मी जी को पीली कौड़ियां अर्पित करें और अगले दिन इन कौड़ियों को तिजोरी में रखना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु जी के साथ ही तुलसी पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा पर आप सोना का दान किसी ब्राह्मण, अपने भांजी, भांजे या बहन को भी कर सकते हैं।