संभल हिंसा के बाद प्रदेश का सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। विपक्षी दलों ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर बड़ हमला बोला है। साथ उनके बयान पर भी सवाल उठाते हुए उसे भड़काऊ बताया है।
लखनऊ। संभल हिंसा के बाद प्रदेश का सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। विपक्षी दलों ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर बड़ हमला बोला है। साथ उनके बयान पर भी सवाल उठाते हुए उसे भड़काऊ बताया है।
केशव मौर्य ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उपचुनाव में पराजय के दर्द से इतने आहत हैं कि अब संभल मामले में धैर्य और शांति की अपील करने के बजाय भड़काऊ बयानबाज़ी कर रहे हैं। ऐसे बयान न केवल अनावश्यक हैं, बल्कि समाज में तनाव को बढ़ाने का काम करते हैं। जिम्मेदार राजनीति का तकाजा है कि संयम बरता जाए।
बता दें कि, संभल हिंसा पर अखिलेश यादव ने कहा, हमारे सांसद जिया उर रहमान संभल में थे ही नहीं और इसके बावजूद उनके खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई। यह सरकार द्वारा किया गया दंगा है। कोर्ट द्वारा आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंच गई। 23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगले दिन 24 तारीख को दोबारा सर्वे किया जाएगा।
सपा अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव उपचुनाव में पराजय के दर्द से इतने आहत हैं कि अब सँभल मामले में धैर्य और शांति की अपील करने के बजाय भड़काऊ बयानबाज़ी कर रहे हैं। ऐसे बयान न केवल अनावश्यक हैं, बल्कि समाज में तनाव को बढ़ाने का काम करते हैं। जिम्मेदार राजनीति का तकाजा है कि संयम बरता…
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) November 25, 2024
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पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया? जब लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग है।
इससे कई लोग घायल हो गए। 5 निर्दोष लोगों की मौत हो गई। संभल का माहौल खराब करने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोगों के साथ-साथ याचिका दायर करने वाले लोग भी जिम्मेदार हैं। उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई भी संविधान के खिलाफ ऐसी गैरकानूनी घटना न कर सके।