इस लेख के माध्यम से हम आपको बतायेंगे कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या की साजिश कब रची गई थी। अप्पू एस्थोस सुरेश और प्रियंका कोटमराजू द्वारा लिखी गई किताब 'द मर्डरर, द मोनार्क एंड द फकीर: ए न्यू इन्वेस्टिगेशन ऑफ महात्मा गांधीज असैसिनेशन' गांधी की हत्या की परिस्थितियों, इसके कारणों और इसके बाद की जांच आदि पर प्रकाश डालती है।
नई दिल्ली। इस लेख के माध्यम से हम आपको बतायेंगे कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या की साजिश कब रची गई थी। अप्पू एस्थोस सुरेश और प्रियंका कोटमराजू द्वारा लिखी गई किताब ‘द मर्डरर, द मोनार्क एंड द फकीर: ए न्यू इन्वेस्टिगेशन ऑफ महात्मा गांधीज असैसिनेशन’ गांधी की हत्या की परिस्थितियों, इसके कारणों और इसके बाद की जांच आदि पर प्रकाश डालती है। इस पुस्तक (BOOK) में लिखा गया है कि महात्मा गांधी की हत्या की साजिश 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति से एक सप्ताह पहले ही रच ली गई थी। त्या के लिए इस्तेमाल की गई बेरेटा पिस्तौल तथा ग्वालियर के एक डॉक्टर द्वारा इसकी व्यवस्था किए जाने सहित पूरी घटना का विवरण इस किताब में दी गई है।
पुस्तक में लेखकों ने लिखा है, ”हमने किताब में जो नए साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, वे इस ओर इशारा करते हैं कि इसकी साजिश 1947 में आजादी (FREEDOM) मिलने से एक सप्ताह पहले ही रच ली गई थी। हमारा मत है कि यह खोज भारत के इतिहास के एक निर्णायक क्षण की समकालीन समझ के लिए काफी अहम है। आपको बता दें कि नाथूराम गोडसे (Nathu Ram Godse) ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके लिए उसने इटली निर्मित स्वचालित पिस्तौल का इस्तेमाल किया था। यह बेरेटा सीएएल 9 पिस्तौल थी जिसकी संख्या 719791 थी। 1934 में निर्मित इस पिस्तौल की व्यवस्था ग्वालियर के डॉक्टर दत्तात्रेय पारचुरे ने की थी जिसके बारे में माना जाता है कि उसने हिन्दू राष्ट्र सेना (एचआरएस) की स्थापना की थी।