भारत के लिए ओलंपिक और कॉमनवेल्थ में मेडल लाने वाले पहलवान बीते दो दिनों से धरने पर बैठे हैं। इनकी तरफ से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें सबसे बड़ा आरोप यौन शोषण का है, जो दिग्गज खिलाड़ी विनेश फोगाट ने लगाए हैं। बृजभूषण शरण सिंह एक नहीं बल्कि 6 बार लगातार सांसद बने हैं। वो गोंडा के कैसरगंज और बलरामपुर से सांसद बने हैं। पांच बार भाजपा और एक बार सपा के टिकट पर इन्होंने जीत दर्ज की है।
Brij Bhushan Sharan Singh News: भारत के लिए ओलंपिक और कॉमनवेल्थ में मेडल लाने वाले पहलवान बीते दो दिनों से धरने पर बैठे हैं। इनकी तरफ से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें सबसे बड़ा आरोप यौन शोषण का है, जो दिग्गज खिलाड़ी विनेश फोगाट ने लगाए हैं। बता दें कि, ये पहला मामला नहीं है जब बृजभूषण शरण सिंह विवादों में आए हैं, इससे पहले भी उनका नाम कई बार विवादों में आ चुका है। हाल के ही दिनों में उन्होंने मंच पर एक पहलवान को थप्प्ड़ जड़ दिया था, जिसके बाद वो विवादों में आए थे। यही नहीं उन्होंने यूपी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के दौरान अपनी ही सरकार पर निशाना साधा था। आइए जानते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह के बारे में, जो एक नहीं 6 बार लगातार सांसद रहे हैं…
6 बार लगातार रहे सांसद
बृजभूषण शरण सिंह एक नहीं बल्कि 6 बार लगातार सांसद बने हैं। वो गोंडा के कैसरगंज और बलरामपुर से सांसद बने हैं। पांच बार भाजपा और एक बार सपा के टिकट पर इन्होंने जीत दर्ज की है। वहीं, बेटा प्रतीक भूषण सिंह गोंडा की सदर सीट से विधायक है। बेटा भी बीजेपी की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरा था।
कुश्ती और पहलवानी के शौकीन हैं सांसद
बता दें कि, बृजभूषण शरण सिंह शुरू से ही कुश्ती और पहलवानी के शैकीन थे। इनका जन्म 8 जनवरी 1956 को विश्नोहरपुर गोंडा में हुआ था। बृजभूषण ने 1979 में कॉलेज से छात्र राजनीति शुरू की थी, जहां रिकॉर्ड वोटों से छात्रसंघ का चुनाव जीता था। इसके बाद 1980 के दौर में पूर्वांचल कई जिलों में युवा नेता के तौर पर इनकी पहचान होनी शुरू हो गई। 1988 के दौर में पहली बार इनका बीजेपी से संपर्क हुआ और यहां से उन्होंने हिंदूवादी नेता के तौर पर छवि बनानी शुरू कर दी। 1991 में पहली बार बृजभूषण ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। हालांकि कुछ समय बाद टाडा से जुड़े मामले में उन्हें जेल जान पड़ा। तब इनकी राजनीति हल्की पड़ गई थी।
बलरामपुर से भाजपा ने जब दिया था टिकट
बता दें कि, भाजपा के लिए कभी बलरामपुर सीट पर जीत दर्ज करना चुनौती थी। लेकिन बृजभूषण शरण सिंह को पार्टी ने मैदान में उतारकर जीत दर्ज की थी। 1999 में उन्होंने बलरामपुर से जीत भी दर्ज की। बृजभूषण शरण सिंह का गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या समेत कई जिलों में दबदबा बढ़ता गया। 1999 के बाद से अब तक सभी लोकसभा चुनाव में बृजभूषण ने एक बार भी हार का सामना नहीं किया। इस दौरान उनकी सीट भी बदलती रही। इसी बीच उन्होंने एक बार मतभेद के चलते बीजेपी छोड़ दी थी, लेकिन कुछ समय बाद फिर वापसी हो गई।