KS Bhagwan Controversial Statement: बिहार के शिक्षामंत्री के तरफ रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए गए विवादित बयान का तूफान अभी थमा नहीं कि अब कर्नाटक के लेखक और 'बुद्धिजीवी' केएस भगवान (KS Bhagwan) ने राम को लेकर एक और विवाद को हवा देने का काम किया है। उन्होंने भगवान राम और सीता (Sita) को लेकर कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की है।
KS Bhagwan Controversial Statement: बिहार के शिक्षामंत्री के तरफ रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए गए विवादित बयान का तूफान अभी थमा नहीं कि अब कर्नाटक के लेखक और ‘बुद्धिजीवी’ केएस भगवान (KS Bhagwan) ने राम को लेकर एक और विवाद को हवा देने का काम किया है। उन्होंने भगवान राम और सीता (Sita) को लेकर कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की है। केएस ने दावा किया कि ‘वाल्मीकि रामायण’ (KS Bhagwan) में कहा गया है कि भगवान राम हर दोपहर अपनी पत्नी सीता (Wife Sita) के साथ बैठकर शराब पीते थे। उन्होंने बिना परवाह किए अपनी पत्नी सीता को जंगल में भेज दिया है।
इस लिस्ट में अब एक और नाम जुड़ गया है। जिनके नाम में खुद ‘भगवान’ शब्द है, वो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम (Lord Ram) पर सवाल उठा रहे हैं। केएस भगवान (KS Bhagwan) ने भगवान राम और सीता को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। केएस भगवान (KS Bhagwan) ने दावा किया कि ‘वाल्मीकि रामायण’ (Valmiki Ramayana) में कहा गया है कि भगवान राम हर दोपहर अपनी पत्नी सीता के साथ बैठकर शराब पीते थे।
लेखक और ‘बुद्धिजीवी’ केएस भगवान (KS Bhagwan) ने शुक्रवार को कर्नाटक के मांड्या जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) का जिक्र किया और कहा, ‘दोपहर में राम की मुख्य गतिविधि सीता के साथ बैठकर शराब पीना था। मैं यह नहीं कह रहा हूं। दस्तावेज और वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayana) ये कहते हैं।’
इतना ही नहीं केएस भगवान (KS Bhagwan) ने यह भी कहा कि राम ने एक पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे शूद्र शंबूक का सिर काट दिया था। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि आखिर राम कैसे आदर्श हो सकते हैं? राम राज्य बनाने की बात चल रही है लेकिन वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayana) के उत्तर कांड को पढ़ने से पता चलता है कि (भगवान) राम आदर्श नहीं थे। उन्होंने 11,000 वर्षों तक शासन नहीं किया बल्कि केवल 11 वर्षों तक शासन किया था।
फिलहाल भगवान राम पर लेखक केएस भगवान (KS Bhagwan) की टिप्पणी ने विवाद को जन्म दे दिया है। कर्नाटक में हिंदुत्ववादी संगठनों ने भगवान राम और सीता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए कर्नाटक के लेखक की निंदा की है। विश्व हिंदू परिषद ने भी केएस भगवान की मानसिकता पर सवाल खड़े किए हैं। विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने कहा कि यह उनकी (KS Bhagwan) मानसिकता को दर्शाता है। जो लोग गलत काम करते हैं, उनका मानना है कि हिंदू देवता भी ऐसा ही करते हैं। मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को तवज्जो नहीं दी जानी चाहिए। ये बुद्धिजीवी नहीं, बल्कि बुद्धिजीवियों के दुश्मन हैं। समाज धीरे-धीरे इनका बहिष्कार कर रहा है और जल्द ही ये लोग पुराने हो जाएंगे।
कर्नाटक भाजपा नेता विवेक रेड्डी (Karnataka BJP leader Vivek Reddy)ने सरकार से कन्नड़ लेखक के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘यह केएस भगवान (KS Bhagwan) की घटिया मानसिकता को दर्शाता है। उनके खिलाफ एक सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। यदि यह किसी अन्य देश में हुआ होता, तो उन्हें जो सामना करना पड़ता वह बहुत अलग होता। भारत बहुत सहिष्णु देश है, लेकिन हम अपने देवताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि उसके खिलाफ गंभीर कार्रवाई करे और उसे सलाखों के पीछे डाले।’
पहले भी केएस भगवान दे चुके हैं विवादित बयान
बता दें कि केएस भगवान (KS Bhagwan) ने पहली बार भगवान राम पर आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले 2018 में कन्नड़ लेखक ने राम मंदिर पर पुस्तक जारी की थी, जिसमें उन्होंने लिखा था कि भगवान राम ‘नशीला पदार्थ’ लेते थे और सीता को भी उनका सेवन कराते थे। कन्नड़ लेखक ने कहा था कि उन्होंने अपना बयान ‘वाल्मीकि रामायण’ (Valmiki Ramayana) के आधार पर दिया।