भारतभाव को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने वाले डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारतबोध के वैश्विक प्रवक्ता थे।’ यह बात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी (Former Director General of Indian Institute of Mass Communication, Prof. Sanjay Dwivedi) ने अपने व्याख्यान में कही। वे इंदौर प्रेस क्लब (Indore Press Club) में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इन्दौर। ‘भारतीय भाषाओं के लिए समर्पित योद्धा, 13 साल की आयु में हिंदी सत्याग्रही के नाते 1957 में पटियाला जेल में रहे, भारत को भारतीय दृष्टि से देखने वाले, वैश्विक संदर्भों को भारतीय दृष्टि से व्याख्यायित करने वाले योद्धा वेदप्रताप वैदिक जी का हिंदी पत्रकारिता में योगदान अभूतपूर्व रहा। भारतभाव को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने वाले डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारतबोध के वैश्विक प्रवक्ता थे।’ यह बात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी (Former Director General of Indian Institute of Mass Communication, Prof. Sanjay Dwivedi) ने अपने व्याख्यान में कही। वे इंदौर प्रेस क्लब (Indore Press Club) में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी को मौलिक चिंतन की भाषा बनाने वाले, जिन्होंने उच्च स्तरीय शोध के लिए भारतीय भाषाओं के द्वार खोले, ऐसे वेदप्रताप वैदिक जी का अवदान हमेशा रेखांकित होता रहेगा। वैदिक जी भारत, भाषा और भारतीय जन के समावेशी चरित्र के प्रतिनिधि थे, वे कहीं से भी कट्टर और जड़वादी नहीं थे। हिंदी पत्रकारिता के विविध आयामों पर कार्यरत डॉ. वैदिक हिंदी पत्रकारिता के अंतराष्ट्रीय नायक रहे।
इन्दौर प्रेस क्लब व मातृभाषा उन्नयन संस्थान (Mother Language Development Institute) के संयुक्त तत्वावधान व ईएमएस के सहभाग से डॉ. वेदप्रताप वैदिक की जन्म जयंती समारोह शनिवार को राजेन्द्र माथुर सभागार में आयोजित हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि इन्दौर के सांसद शंकर लालवानी रहे, मुख्य वक्ता प्रो. संजय द्विवेदी (Prof. Sanjay Dwivedi) रहे। साथ ही सनत कुमार जैन, इन्दौर प्रेस क्लब (Indore Press Club) के अध्यक्ष अरविंद तिवारी के विशिष्ट आतिथ्य में श्वेतकेतु वैदिक की मौजूदगी रही।
स्वागत उद्बोधन इन्दौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने दिया।
मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी (Chief Guest MP Shankar Lalwani) ने कहा कि डॉ. वैदिक बेहद प्रतिभाशाली थे, उन्हें कई तरह का ज्ञान था जिसे वैदिक जी से सीखने को मिलता था, वैदिक जी का वैदिक ज्ञान अद्भुत था। विशिष्ट अतिथि सनत कुमार जैन ने कहा कि ‘डॉ. वेदप्रताप वैदिक हिंदी के सेवक रहे, मृदु और सहज स्वभावी रहे।’ इस मौके पर अरविंद तिवारी ने घोषणा की कि डॉ. वेदप्रताप वैदिक (Dr. Vedpratap Vedic) के लेखों का संग्रह प्रेस क्लब प्रकाशित करवाएगा। और मातृभाषा उन्नयन संस्थान (Mother Language Development Institute) द्वारा प्रति वर्ष डॉ. वैदिक की स्मृति में पुरस्कार दिया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन श्रुति अग्रवाल ने किया और आभार मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रो शरद पगारे, डॉ. सरोज कुमार, डॉ. पद्मा सिंह, राकेश शर्मा, डॉ. नीना जोशी, जयसिंह रघुवंशी, मुकेश तिवारी, वैदिक परिवार से शुभम वैदिक, सौरभ वैदिक सहित सैंकड़ो लोग मौजूद रहे।