अपमानित होना सम्मान को चोट पहुंचाता है। जीवन कई बार ऐसा होता है जब किसी के द्वारा कुछ ऐसी कड़वी बात कह दी जाती है जिसे सहन कर पाना सबके बस की बात नहीं होती है।
Life Lessons Everyone : अपमानित होना सम्मान को चोट पहुंचाता है। जीवन कई बार ऐसा होता है जब किसी के द्वारा कुछ ऐसी कड़वी बात कह दी जाती है जिसे सहन कर पाना सबके बस की बात नहीं होती है। लेकिन शास्त्रों में उल्लेख है कि कुछ लोगों द्वारा कड़वा बोले गए कड़वे वचन को भी सह कर उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। पलटकर जवाब नहीं देना चाहिए। प्रतिक्रिया देने पर नुकसान हो जाता है। कभी इतना बड़ा नुकसान हो जाता है जिसकी भरपाई जीवन भर नहीं हो सकती है।बातों को महसूस कर अमल में लाने से ही आपका भाग्य बदल सकता है।
माता- पिता
अगर आपके माता पिता आपको डांटते हैं फटकारते हैं तो इसका बुरा न मानें। इसे नकारात्मक रूप से बिल्कुल भी न लें। क्योंकि उनकी डांट आपकी भलाई और भाग्योदय के लिए बनी है। उनकी बातों पर अमल करने से सिर्फ आपका भला ही होगा।
गुरु की डांट
जीवन में गुरु से बड़ा कोई नहीं होता। मां बाप के बाद गुरु ही एक ऐसा होता है, जो आपका भला सोचता है। वह आपको शिक्षा देने के साथ ही सही और गलत के बीच फर्क बताता है। ऐसे में गुरु से किया हुआ अपमान भी सह लेना चाहिए। उनकी कही बातों पर पलटकर जवाब देने की जगह क्षमा मांगना ही आपके लिए सबसे बेहतर हो सकता है। गुरु की डांट भी आपको तरक्की की तरफ लेकर जाती है।
पुजारी
मंदिर में कभी भी पुजारी से बहस न करें। उनके भला बुरा बोलने पर भी पलट जवाब या लड़ाई न करें। उनकी कहे शब्दों को अपमान के रूप में लेने की जगह अनसुना कर दें।