इस युग का सफेद सोना कहे जाने वाले लीथियम का भंडार राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में मिला है। इससे देश की 80% लिथियम माँग को पूरा किया जा सकता है।
Lithium reserves found in Rajasthan: इस युग का सफेद सोना कहे जाने वाले लीथियम का भंडार राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में मिला है। इससे देश की 80% लिथियम माँग को पूरा किया जा सकता है। इसी के साथ् भारत अब लिथियम को लेकर आत्मनिर्भर हो गया है। इसका मतलब यह है कि भारत को अब लिथियम के लिए चीन जैसे देशों पर निर्भर नहीं रहना होगा। लिथियम का उपयोग मोबाइल, लैपटॉप के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में किया जाता है।
जम्मू-कश्मीर में लिथियम के 59 लाख टन भंडार का पता चला था
खबरों के अनुसार, लिथियम का यह विशाल भंडार राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में मिला है। इसकी खोज जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने की है। जीएसआई के अधिकारियों का कहना है कि लिथियम का यह भंडार जम्मू-कश्मीर में मिले भंडार से कहीं अधिक बड़ा है। इसी साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर में लिथियम के 59 लाख टन भंडार का पता चला था।
दुनिया के लिथियम भण्डार
मौजूदा समय में दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार 210 लाख टन का है, जो कि बोलीविया में है। इसके बाद अर्जेंटीना, चिली और अमेरिका में भी बड़े भंडार हैं। इसके बावजूद 51 लाख टन लिथियम के भंडार वाले देश चीन का लिथियम के बाजार में एकाधिकार है। भारत अपने कुल लिथियम आयात का 53.76 प्रतिशत हिस्सा चीन से खरीदता है। साल 2020-21 में भारत ने 6000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य का लिथियम आयात किया था। इसमें से 3500 करोड़ रुपए से अधिक का लिथियम चीन से खरीदा गया था।