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भारतीय नौसेना की अदम्य वीरता का जीवंत प्रतीक होगा लखनऊ का ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ :  सीएम योगी

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने गुरुवार को संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ (Naval Shaurya Museum) की प्रस्तुति का अवलोकन किया। इसके शीघ्र निर्माण के निर्देश दिए।

By संतोष सिंह 
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लखनऊ : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने गुरुवार को संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ (Naval Shaurya Museum) की प्रस्तुति का अवलोकन किया। इसके शीघ्र निर्माण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय भारतीय नौसेना (Naval Shaurya Museum) की अदम्य शौर्यगाथाओं और हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत की सामुद्रिक क्षमता का जीवंत प्रतीक बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समुद्र भारत की सभ्यता का मंथन स्थल रहा है और भारतीय नौसेना उस गौरवशाली परंपरा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। लखनऊ का यह संग्रहालय उसी परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा।

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बैठक में बताया गया कि संग्रहालय का स्वरूप एक जहाज के अमूर्त रूप में होगा। जहाज की रेलिंग, पोर्थोल जैसी खिड़कियाँ, नौसैनिक वास्तुकला और समुद्री प्रतीकों के साथ इसे विशिष्ट पहचान दी जाने की योजना है। परिसर में इंटरप्रिटेशन सेंटर, सेंट्रल डेक, ओपन एयर मेमोरियल, थीमैटिक वॉकवे, प्रदर्शनी गैलरी, फाउंटेन और लाइट-एंड-साउंड एरिना शामिल होंगे। डिज़ाइन को ऊर्जा-संवेदनशील रखा गया है, जिसमें प्राकृतिक रोशनी, वेंटिलेशन और हरित निर्माण तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संग्रहालय को केवल देखने योग्य नहीं बल्कि ‘अनुभव का केंद्र’ बनाया जाए, जहाँ दर्शक इतिहास को महसूस कर सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि डिस्प्ले में डिजिटल, इंटरएक्टिव और इमर्सिव तकनीकों का प्रयोग हो, ताकि लोग नौसेना के अभियान, युद्ध और तकनीकी प्रगति को प्रत्यक्ष अनुभव कर सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि नौसेना संग्रहालय (Naval Museum) में छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में आवश्यक जानाकरी उपलब्ध कराई जाए।

प्रस्तुति में बताया गया कि परियोजना दो प्रमुख हिस्सों में विकसित हो रही है। पहली-‘आईएनएस गोमती शौर्य स्मारक’ (INS Gomti Shaurya Smarak) और दूसरी-‘नौसेना शौर्य वाटिका’( Naval Shaurya Vatika)। बताया गया कि ‘आईएनएस गोमती (F-21)’ गोदावरी श्रेणी का स्वदेशी मिसाइल फ्रिगेट है जिसने 34 वर्षों तक भारतीय नौसेना में सेवा दी और ‘ऑपरेशन कैक्टस’, ‘ऑपरेशन पराक्रम’ जैसे अभियानों में भाग लिया। इसे संरक्षित कर संग्रहालय परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि नागरिक और युवा उसकी बहादुरी की कहानी को प्रत्यक्ष देख सकें।

मुख्यमंत्री ने ‘नौसेना शौर्य वाटिका’ (Naval Shaurya Vatika) को परियोजना का विशेष आकर्षण बताते हुए इसके शीघ्र पूर्ण होने के निर्देश दिए। इस वाटिका में टीयू-142 विमान, जो 29 वर्षों तक नौसेना की समुद्री निगरानी और आपदा राहत अभियानों में सक्रिय रहा, स्थापित किया जा रहा है। साथ ही सी किंग एसके-42बी हेलीकॉप्टर की प्रदर्शनी भी प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वाटिका युवाओं को आधुनिक नौसैनिक अभियानों और प्रौद्योगिकी से जोड़ने वाला सजीव अनुभव स्थल बनेगी।

बैठक में बताया गया कि संग्रहालय परिसर में 7D थिएटर, एयरक्राफ्ट कैरियर लैंडिंग सिम्युलेटर, वॉरशिप सिम्युलेटर, सबमर्ज्ड द्वारका मॉडल, डिजिटल वाटर स्क्रीन शो, मरीन लाइफ एक्वेरियम तथा ‘ड्रेस लाइक योर हीरोज़’ (Dress Like Your Heroes) जैसी सहभागितापरक गतिविधियाँ होंगी। इसके अतिरिक्त नौसेना के वीरता पुरस्कारों, ऐतिहासिक अभियानों और स्वदेशी रक्षा नवाचारों से जुड़ी इंटरएक्टिव गैलरियाँ भी विकसित की जाएंगी। परियोजना की निगरानी हेतु महानिदेशक पर्यटन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसमें मेरिटाइम हेरिटेज सोसाइटी, यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन और नौसेना विशेषज्ञ सम्मिलित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश में समुद्री गौरव की वह चेतना पुनः जागृत होगी जो कभी भारत के तटीय व्यापार और हिंद महासागर (Indian Ocean) की सांस्कृतिक कड़ी रही है। उन्होंने कहा, लखनऊ का यह संग्रहालय भारतीय नौसेना (Naval Shaurya Museum) की वीरता का ही नहीं, बल्कि भारत की समुद्री आत्मा का भी प्रतीक बनेगा। यह उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक नई, गौरवपूर्ण पहचान देगा।

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