Manipur Assembly Session : आगामी 3 सितंबर को पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur) में जातीय तनाव के कारण भड़की हिंसा के चार माह पूरे हो जाएंगे। इतना लंबा समय बीतने के बावजूद राज्य में हालात सामान्य नहीं हुए हैं। राज्य के दो प्रमुख समुदायों बहुसंख्यक मैतेई (Majority Meitei) और अल्पसंख्यक कुकी (Minority Kuki) के बीच खूनी जंग जारी है।
Manipur Assembly Session : आगामी 3 सितंबर को पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur) में जातीय तनाव के कारण भड़की हिंसा के चार माह पूरे हो जाएंगे। इतना लंबा समय बीतने के बावजूद राज्य में हालात सामान्य नहीं हुए हैं। राज्य के दो प्रमुख समुदायों बहुसंख्यक मैतेई (Majority Meitei) और अल्पसंख्यक कुकी (Minority Kuki) के बीच खूनी जंग जारी है। प्रदेश में जारी हिंसा के दौर के बीच मंगलवार 29 अगस्त को विधानसभा का सत्र (Assembly Session) बुलाया गया है, लेकिन इसका विरोध सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) के खेमे से ही शुरू हो गया है।
बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Chief Minister N. Biren Singh) ने राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuiya Uikey) से विधानसभा सत्र (Assembly Session) शुरू करने की सिफारिश की थी। 22 अगस्त को राजभवन की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गई थी। अधिसूचना के मुताबिक, राज्य सरकार की मांग पर मंगलवार को एक दिन का विधानसभा सत्र होगा। हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में विधानसभा का पिछला सत्र मार्च में हुआ था। संविधान के मुताबिक, किसी भी सदन में दो सत्रों में छह महीने से अधिक का गैप नहीं होना चाहिए था। छह महीने की ये डेडलाइन अगले माह यानी सितंबर में खत्म हो रही थी। ऐसे में जल्द से जल्द विधानसभा का सत्र (Assembly Session) कराना संवैधानिक बाध्यता भी था।
मंत्री समेत 7 बीजेपी विधायकों ने किया बहिष्कार
मणिपुर (Manipur) में मंगलवार को हो रहे विधानसभा सत्र (Assembly Session) का विरोध भी हो रहा है। खासकर कुकी और अन्य जनजाति समुदाय से आने वाले विधायक इसका विरोध कर रहे हैं। सबसे अहम बात ये है कि इनमें अधिकांश एमएलए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के है। बिरेन सिंह सरकार के दो कुकी मंत्रियों ने भी इसका बॉयकॉट किया है। वे हैं लेटजमंग हाओकिप और नेमचा किगपेन। बहिष्कार करने वाले अन्य बीजेपी विधायकों में एलएम खौटे, नगुर्सांगलुर सनाटे, लेटपाओ हाओकिप, पाओलीनलाल हाओकिप और वुंगजागिन वाल्टे शामिल हैं। इसके अलाव तीन अन्य विधायकों में निर्दलीय हाओखोलेट किपगेन, केपीए के किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग और चिनलुंगथांग शामिल हैं।
160 से अधिक लोगों की जा चुकी है जान
3 मई 2023 को बीजेपी शासित मणिपुर (Manipur) में जातीय हिंसा भड़क गई थी। मैतेई समुदाय द्वारा एसटी श्रेणी में खुद को शामिल किए जाने की मांग को लेकर कुकी जनजाति से उनका काफी समय से टकराव चल रहा था। जो मई की शुरूआत में अचानक हिंसक हो उठा। तब से जारी हिंसा में 160 से अधिक मणिपुरी अपनी जान गंवा चुके हैं और सैंकड़ों घायल हुए हैं। हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा है। हथियार बंद मैतेई और कुकी गुटों के बीच खूनी संघर्ष का दौर जारी है।