जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के नेता लालदुहोमा (Lalduhoma) ने शुक्रवार को मिजोरम के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति (Mizoram Governor Hari Babu Kambhampati) ने राजधानी आइजोल (Capital Aizawl) में राजभवन परिसर (Raj Bhavan Complex) में लालदुहोमा (Lalduhoma) और अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
मिजोरम । जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के नेता लालदुहोमा (Lalduhoma) ने शुक्रवार को मिजोरम के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति (Mizoram Governor Hari Babu Kambhampati) ने राजधानी आइजोल (Capital Aizawl) में राजभवन परिसर (Raj Bhavan Complex) में लालदुहोमा (Lalduhoma) और अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बता दें कि इससे पहले बुधवार को ही लालदुहोमा (Lalduhoma) ने राज्यपाल से मिलकर सरकार गठन का दावा पेश कर दिया था। जेडपीएम (ZPM) ने राज्य की 40 में से 27 सीटों पर जीत हासिल कर एमएनएफ (MNF)और कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था।
2017 में जेडपीएम अस्तित्व में आया , 2023 में कैसे कायम किया ‘जलवा’
पूर्व आईपीएस लालदुहोमा (Former IPS Lalduhoma) ने जोराम नेशनलिस्ट पार्टी नाम से एक दल बनाया, जिसके जरिए वे राज्य की राजनीति में सक्रिय हुए। वहीं दूसरी ओर, राज्य के पांच अन्य छोटे दलों के साथ लालदुहोमा की पार्टी ने गठबंधन कर लिया। जिसके बाद वह गठबंधन राजनीतिक पार्टी में तब्दील हो गया, जो 2017 में जेडपीएम (ZPM) पार्टी के नाम से अस्तित्व में आया।
जानें आखिर कौन है पूर्व आईपीएस लालदुहोमा ?
मिजोरम में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी जेडपीएम (ZPM) के अध्यक्ष लालदुहोमा (Lalduhoma) मिजोरम के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। एक स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक, 1972 से 1977 तक लालदुहोमा (Lalduhoma) ने मिजोरम के मुख्यमंत्री के प्रधान सहायक के तौर पर काम किया था। अपनी स्नातक की पढ़ाई के बाद उन्होंने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा दी। 1977 में आईपीएस बनने के बाद उन्होंने गोवा में एक स्क्वाड लीडर के तौर पर काम किया। तैनाती के दौरान उन्होंने तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की। पुलिस अधिकारी के तौर पर उनकी उपलब्धियां सामाचार पत्रों की सुर्खियां बनने लगी थीं। 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi) ने उन्हें अपना सुरक्षा प्रभारी नियुक्त किया था। पुलिस उपायुक्त के रूप में विशेष पदोन्नति दी गई थी। राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की अध्यक्षता में 1982 एशियाई खेलों की आयोजन समिति के सचिव भी थे।