Story of Mohammad Shami: 'ऊपर वाले जिंदगी में डाउनफॉल भले जितना भी दिखाना, लेकिन कमबैक तो मोहम्मद शमी की तरह ही देना', ये लाइनें मोहम्मद शमी के जीवन के संघर्ष और उनकी सफलता को बयां करती हैं। शमी, मौजूदा समय में दुनिया भर के उन क्रिकेटरों में शामिल हैं, जो किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। इस वक्त वह जितनी बड़ी हस्ती हैं शायद उससे बड़ा उनका संघर्ष है। यह संघर्ष इतना बड़ा है कि जो आज के समय में हर व्यक्ति के लिए कोई प्रेरणा से कम नहीं। शमी के संघर्ष की कहानी प्रेरणा के साथ-साथ सबकी आंखों को नम करने वाली भी है। इस लेख में हम शमी के उन्हीं संघर्षों के बारे में जानेंगे, जिन पर जीत हासिल कर शमी आज इस मुकाम पर हैं...
Story of Mohammad Shami: ‘ऊपर वाले जिंदगी में डाउनफॉल भले जितना भी दिखाना, लेकिन कमबैक तो मोहम्मद शमी की तरह ही देना’, ये लाइनें मोहम्मद शमी के जीवन के संघर्ष और उनकी सफलता को बयां करती हैं। शमी, मौजूदा समय में दुनिया भर के उन क्रिकेटरों में शामिल हैं, जो किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। इस वक्त वह जितनी बड़ी हस्ती हैं शायद उससे बड़ा उनका संघर्ष है। यह संघर्ष इतना बड़ा है कि जो आज के समय में हर व्यक्ति के लिए कोई प्रेरणा से कम नहीं। शमी के संघर्ष की कहानी प्रेरणा के साथ-साथ सबकी आंखों को नम करने वाली भी है। इस लेख में हम शमी के उन्हीं संघर्षों के बारे में जानेंगे, जिन पर जीत हासिल कर शमी आज इस मुकाम पर हैं…
संघर्ष भरा रहा शुरुआती जीवन
मोहम्मद शमी का जन्म 3 सितंबर 1990 को राजधानी दिल्ली से महज 160 किलोमीटर दूर अमरोहा के पास सहसपुर नाम का एक गांव में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहम्मद शमी अहमद है। शमी के पिता का नाम तौसिफ अली अहमद और उनकी माता का नाम अंजुम आरा है। उनके पिता एक किसान थे, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। शमी के चार भाई-बहन हैं और वे सभी अपने शुरुआती दिनों में एक तेज गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन शमी ही ऐसा करने वाले एकमात्र खिलाड़ी बने। शमी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अमरोहा प्राथमिक स्कूल से पूरी की। शमी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है, उन्होंने शमी सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई की है, क्योंकि उनका पूरा ध्यान क्रिकेट पर ही रहता था।
शमी के पिता तौसिफ पेशे से बेशक किसान थे लेकिन क्रिकेट के प्रति उनकी दीवानगी गजब की थी। किसानी के बाद वह खूब क्रिकेट खेला करते थे और आस-पास के इलाके में उनकी गेंदबाजी की चर्चा होती थी। गरीबी और सुविधाओं के अभाव में उन्हें कोई बड़ा मौका नहीं मिल पाया। लेकिन 15 साल के उम्र में पिता ने शमी की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें मुरादाबाद के क्रिकेट कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी के पास ट्रेनिंग के लिए ले गए। जहां शमी ने क्रिकेट की बारीकियां सीखीं और अपने शानदार सफर की शुरुआत की।
यूपी में नहीं मिला मौका तो पहुंच गए बंगाल
मुरादाबाद के सोनकपुर स्टेडियम में कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी ने शमी को तेज गेंदबाजी की बारीकियों को सिखाया, लेकिन राज्य की अंडर-19 टीम में जगह न मिल पाने से उन्हें निराशा हाथ लगी। इसके बाद कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी की सलाह पर वह कोलकाता चले गए। कोलकाता आने के बाद शमी डलहौजी एथलेटिक क्लब में खेलने लगे। तब बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सहायक सचिव देवव्रत दास ने शमी को मोहन बागान क्लब भेजा। शमी ने मोहन बागान क्लब में पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की देखरेख में नेट्स पर शानदार खेल दिखाया और कोलकाता लीग में टाउन क्लब के लिए 40 से अधिक विकेट लिए। क्लब क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करने के बाद शमी को बंगाल की रणजी टीम में खेलने का मौका मिल गया।
बंगाल में खाने के पड़े लाले
यूपी से जब शमी कोलकाता गए थे तो उनके पास सिर्फ 2500 सौ रूपए थे और पैसे खत्म होने पर खाने के लाले पर पड़ गए। ऐसे में क्लब क्रिकेट में शमी ने सिर्फ रहने और खाना मिलने की शर्त पर क्रिकेट खेलना शुरू किया। शमी ने कड़ी मेहनत और लगन से क्लब क्रिकेट में बेहतरीन खेल दिखाते हुए सनसनी मचा दी और उन्हें 25 हजार का इनाम मिला। इसके बाद शमी ने पलटकर नहीं देखा। आज के समय में शमी के पास करोड़ों की संपत्ति है। एक रिपोर्ट के मुताबिक शमी की कुल नेटवर्थ करीब 50 करोड़ से भी अधिक है। शमी की कमाई का मुख्य जरिया बीसीसीआई से मिलने वाली सैलरी और आईपीएल का कॉन्ट्रैक्ट है। इसके अलावा वह कई विज्ञापनों में भी नजर आते हैं।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय में कदम
अक्टूबर 2010 में मोहम्मद शमी ने अपने घरेलू क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। 2010-11 में बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी में शमी ने अपने डेब्यू मैच में असम के खिलाफ 3 विकेट चटकाए। 10 फरवरी 2011 को ओडिशा के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी में शमी ने लिस्ट-ए क्रिकेट में पदार्पण किया। जिसमें उन्होंने 10 ओवर में 39 रन देकर 3 विकेट लिए। वहीं, 20 अक्टूबर 2010 को शमी ने असम के खिलाफ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपना टी20 डेब्यू किया और चार ओवर में 24 रन देकर 4 विकेट लिए।
फर्स्ट क्लास में शानदार परफॉर्मेंस करने वाले शमी को साल 2013 में भारतीय टीम की ओर से खेलने का मौका मिला। 6 जनवरी 2013 को दिल्ली के फिरोजशाह स्टेडियम (अरुण जेटली स्टेडियम) में पाकिस्तान के खिलाफ शमी ने अपना पहला वनडे खेला। इस मैच में उन्होंने 9 ओवर में सिर्फ 23 रन देकर 1 विकेट झटके। साल 2014 के एशिया कप में शमी वनडे में सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले भारत के दूसरे गेंदबाज बने। साल 2013 में शमी ने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आईपीएल डेब्यू किया था। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के लिए भी खेला। 2022 आईपीएल से शमी गुजरात टाइटंस के लिए खेल रहे हैं।
पत्नी से विवाद और कई गंभीर आरोप
आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की ओर से खेल रहे मोहम्मद शमी की नजदीकियां उनकी टीम की ही एक चीयरलीडर्स और मॉडल हसीन जहां के साथ बढ़ने लगी। दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया और शमी ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर साल 2014 में हसीन जहां से शादी कर ली। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी शादी उनके लिए फूल में लगे कांटों से कम नहीं होगी। दरअसल, दोनों की शादी तकरीबन चार सालों तक अच्छी चली, लेकिन साल 2018 में दोनों के रिश्तों में दरार आ गई। अचानक से दोनों के बीच कुछ अनबन हुई और साल 2018 में हसीन जहां ने मोहम्मद शमी और उनके भाइयों पर मारपीट, दुष्कर्म, हत्या की कोशिश और घरेलू हिंसा जैसे आरोपों लगाए। इसके साथ ही एफआईआर दर्ज करवा दी। इतना ही नहीं, शमी पर मैच फिक्सिंग के आरोप भी लगे।
दूसरी तरफ यह बात सामने आयी कि हसीन जहां ने साल 2002 में सैफुद्दीन नामक व्यक्ति से निकाह किया था। हसीन के सैफुद्दीन से दो बेटियां है। हालांकि, दोनों ने साल 2010 में एक दूसरे को तलाक दे दिया था। शमी का कहना था कि उनकी वाइफ ने उनसे अपनी पहली शादी और दो बच्चों की बात छुपाई थी। दोनों के बीच विवाद कोर्ट तक जा पहुंचा। दो सितंबर 2019 में कोलकाता की एक अदालत ने घरेलू हिंसा के मामले में शमी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। नौ सितंबर को जिला अदालत ने वारंट पर रोक लगा दी थी। फिलहाल हसीन जहां और शमी का तलाक केस अदालत में लंबित है। इसके बाद दोनों के बीच दूरियां बढ़ती चली गई।
वहीं, हसीन जहां के शमी के खिलाफ मैच फिक्सिंग के आरोपों के बाद बीसीसीआई ने शमी को अपनी राष्ट्रीय अनुबंध सूची से हटा दिया था। बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने इन आरोपों की जांच की और शमी को भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त कर दिया गया। साथ ही बीसीसीआई ने उनका राष्ट्रीय अनुबंध बहाल कर दिया।
विवाद के बाद उतार चढ़ाव भरा रहा जीवन
पत्नी से विवाद के बीच साल 2018 में शमी एक कार एक्सीडेंट का शिकार हो गए थे। देहरादून से नई दिल्ली जाते समय उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उनके सिर में चोट आई थी और दाईं आंख के ऊपर 3-4 टांके भी लगे थे। इस वजह से वह काफी समय तक मैदान से दूर भी रहे। टी-20 विश्व कप 2021 के सुपर-12 स्टेज में भारतीय टीम को पाकिस्तान के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस मैच में मोहम्मद शमी को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोलर्स का शिकार बनना पड़ा था। शमी को गद्दार कहा गया था।
तीन बार ख़ुदकुशी का ख्याल
मोहम्मद शमी पारिवारिक समस्याओं से इस कदर हताश हो चुके थे कि उन्होंने तीन बार सुसाइड करने के बारे में भी सोचा था। इस बात का खुलासा शमी ने भारतीय खिलाड़ी रोहित शर्मा से बातचीत के दौरान किया था। दरअसल, 2020 में कोरोनाकाल के दौरान रोहित शर्मा के साथ इंस्टाग्राम लाइव में शमी ने कहा था, ‘मैं 2015 वर्ल्ड कप में चोटिल हो गया था। इसके बाद टीम में वापसी करने में मुझे 18 महीने लगे और वह मेरे जीवन का सबसे मुश्किल दौर था। आप जानते हैं कि रिहैब कितना मुश्किल होता है और उसके बाद पारिवारिक समस्याएं। ये सब चल रहा था और इसी बीच आईपीएल से 10-12 दिन पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया। मीडिया में काफी कुछ चल रहा था मेरे निजी मुद्दों को लेकर।’
शमी ने आगे कहा था, ‘मुझे लगता है कि अगर मेरे परिवार का साथ मुझे नहीं मिलता तो मैं क्रिकेट छोड़ देता। मैंने तीन बार खुदकुशी करने के बारे में भी सोचा था। मेरे परिवार में से किसी को मुझ पर नज़र रखने के लिए मेरे पास बैठना होता था। मेरा घर 24वीं मंजिल पर था और उन्हें लगता था कि मैं कहीं अपार्टमेंट से कूद न जाऊं।’
उन्होंने कहा था ‘मेरा परिवार मेरे साथ था और इससे बड़ी ताकत कुछ नहीं हो सकती। वे मुझसे कह रहे थे कि हर समस्या का समाधान होता है और सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दो। जिस चीज में तुम अच्छे हो उसमें खो जाओ। इसलिए मैंने सबकुछ खो दिया। मैं नेट्स में गेंदबाजी कर रहा था। मैं रनिंग एक्सरसाइज कर रहा था। मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा था। मैं दबाव में था। अभ्यास के समय में मैं दुखी हो जाता था और मेरा परिवार मुझसे कहता था कि फोकस रहो। मेरा भाई मेरे साथ था। मेरे कुछ दोस्त मेरे साथ थे और मैं यह बात कभी नहीं भूल सकता और अगर वह लोग नहीं होते तो मैं कुछ भयानक कर जाता।’
वर्ल्ड कप में जबरदस्त वापसी
सफ़ेद गेंद के फार्मेट में शानदार रिकॉर्ड होने के बावजूद मोहम्मद शमी को भारत की प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिल पा रही थी। एशिया कप 2023 के स्क्वाड में उनका नाम शामिल तो रहा लेकिन एक भी मैच में खेलने को नहीं मिला। इसके अलावा वर्ल्ड कप 2023 में शुरुआत के चार मैच वह नहीं खेल पाये। इसके बाद हार्दिक पांड्या के चोटिल होने के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में शमी को प्लेइंग-11 में शामिल किया गया। इस मैच में 7 विकेट झटक कर उन्होंने सनसनी मचा दी। वह यहीं नहीं रुके शमी ने एक के बाद एक मैच में शानदार प्रदर्शन करके कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिये।
वर्ल्ड कप 2023 में शमी ने सिर्फ 7 मैचों में 24 विकेट चटकाए। उन्होंने टूर्नामेंट में तीन बार 5 विकेट हॉल (5 या उससे ज्यादा विकेट) अपने नाम किया। वह वर्ल्ड कप में सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बनें। शमी के शानदार प्रदर्शन के लिये आईसीसी ने उन्हें नवंबर माह के लिये ‘आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ’ अवॉर्ड के लिये नामित भी किया था। इसके अलावा बीसीसीआई ने मंत्रालय से शमी को देश के दूसरे सबसे बड़े खेल अवॉर्ड की लिस्ट में शामिल करने की सिफ़ारिश की है। शमी को अर्जुन अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है।