अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने आगामी वर्ष 2024 को लेकर डरावनी चेतावनी जारी की है। नासा (NASA) के अनुसार, अगले साल दुनियाभर में भयानक गर्मी पड़ने वाली है। अत्यधिक गर्मी के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान जाने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है। नासा (NASA) ने कहा है कि लोगों को इस गर्मी से निबटने की तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए। देर होने पर खतरा ज्यादा बढ़ सकता है।
नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने आगामी वर्ष 2024 को लेकर डरावनी चेतावनी जारी की है। नासा (NASA) के अनुसार, अगले साल दुनियाभर में भयानक गर्मी पड़ने वाली है। अत्यधिक गर्मी के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान जाने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है। नासा (NASA) ने कहा है कि लोगों को इस गर्मी से निबटने की तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए। देर होने पर खतरा ज्यादा बढ़ सकता है।
जुलाई सबसे गर्म महीना
नासा (NASA) के मुताबिक, 1880 के बाद इस साल का जुलाई महीना अब तक का सबसे गर्म माह था। इस कारण अगले साल और अधिक गर्मी की संभावना है। इस साल 3 जुलाई से लेकर 7 अगस्त यानी लगातार 36 दिनों तक भयानक तापमान दर्ज किया गया है। नासा प्रमुख बिल नेल्सन (NASA Chief Bill Nelson) के मुताबिक, इस साल अरबों लोगों ने अत्यधिक गर्मी झेली है।
जलवायु परिवर्तन का संकट
बिल ने कहा कि अमेरिका हो या कोई अन्य देश सभी इस वक्त जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के संकट से जूझ रहे हैं। सभी को ये बात समझनी होगी, वरना ये धरती रहने लायक नहीं बचेगी। दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण कहीं आग तो कहीं बाढ़ के हालात देखने को मिल रहे है। तरह-तरह की आपदाएं सामने आ रही हैं।
क्या है संकट का कारण?
दुनियाभर में बढ़ रहे प्रदूषण, कार्बन उत्सर्जन और अल-नीनो (Al Nino) के प्रभाव ने जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के संकट को बढ़ा दिया है। अमेरिका से लेकर चीन तक भयानक गर्मी पड़ रही है। सामान्य से अधिक गर्मी के कारण कनाडा, अमेरिका और यूरोप के जंगलों में आग लग रही है। वहीं, कई जगहों पर मॉनसूनी तूफान (Monsoon Storm) ने हालत खराब कर रखी है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में गर्मी के कारण सैकड़ों लोगों की जान गई है। बर्कले के पर्यावरणविद जेके हॉसफादर (Berkeley environmentalist JK Hausfather) के अनुसार, आगे चलकर और भयानक आपदाएं आने वाली हैं। दशकों से चेतावनी के बावजूद भी जीवाश्म ईंधन का प्रयोग बंद नहीं हो रहा है।