लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी का द हिंदू में मनरेगा पर छपे एक लेख को शेयर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि न जनसंवाद, न संसद में चर्चा, न राज्यों की सहमति - मोदी सरकार ने मनरेगा और लोकतंत्र दोनों पर बुलडोज़र चला दिया है।
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी का द हिंदू में मनरेगा पर छपे एक लेख को शेयर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि न जनसंवाद, न संसद में चर्चा, न राज्यों की सहमति – मोदी सरकार ने मनरेगा और लोकतंत्र दोनों पर बुलडोज़र चला दिया है।
सोनिया गांधी का इस गंभीर मुद्दे के हर पहलू का पर्दाफाश करता हुआ ये लेख ज़रूर पढ़ें
न जनसंवाद, न संसद में चर्चा, न राज्यों की सहमति – मोदी सरकार ने मनरेगा और लोकतंत्र दोनों पर बुलडोज़र चला दिया है।
यह विकास नहीं, विनाश है – जिसकी कीमत करोड़ों मेहनतकश भारतीय अपनी रोज़ी रोटी गंवा कर चुकाएंगे।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी का इस गंभीर… pic.twitter.com/FOL77e4onQ
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 22, 2025
राहुल गांधी ने कहा कि यह विकास नहीं, विनाश है, जिसकी कीमत करोड़ों मेहनतकश भारतीय अपनी रोज़ी रोटी गंवा कर चुकाएंगे। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का इस गंभीर मुद्दे के हर पहलू का पर्दाफाश करता हुआ ये लेख ज़रूर पढ़ें।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (MGNREGA) को खत्म करने को ग्रामीण भारत के करोड़ों लोगों के लिए तबाही करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह योजना गांधीजी के सर्वोदय के सपने को साकार करती थी और संविधान के अनुच्छेद 41 से प्रेरित थी, जो काम का अधिकार देती है। अब इसे बुलडोज करके खत्म कर दिया गया है, जो हम सबकी असफलता है. “द हिंदू” अखबार में अपने संपादकीय “द बुलडोज्ड डेमोलिशन ऑफ MGNREGA ” में सोनिया गांधी ने लिखा, “MGNREGA की मौत हमारी सामूहिक असफलता है। उन्होंने सभी से अपील की कि हम एकजुट होकर उन अधिकारों की रक्षा करें जो सबकी सुरक्षा करते हैं।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (MGNREGA) को खत्म करने को ग्रामीण भारत के करोड़ों लोगों के लिए तबाही करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह योजना गांधीजी के सर्वोदय के सपने को साकार करती थी और संविधान के अनुच्छेद 41 से प्रेरित थी, जो काम का अधिकार देती है। अब इसे बुलडोज करके खत्म कर दिया गया है, जो हम सबकी असफलता है। “द हिंदू” अखबार में अपने संपादकीय “द बुलडोज्ड डेमोलिशन ऑफ MGNREGA ” में सोनिया गांधी ने लिखा, “MGNREGA की मौत हमारी सामूहिक असफलता है। उन्होंने सभी से अपील की कि हम एकजुट होकर उन अधिकारों की रक्षा करें जो सबकी सुरक्षा करते हैं।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (MGNREGA) को खत्म करने को ग्रामीण भारत के करोड़ों लोगों के लिए तबाही करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह योजना गांधीजी के सर्वोदय के सपने को साकार करती थी और संविधान के अनुच्छेद 41 से प्रेरित थी, जो काम का अधिकार देती है। अब इसे बुलडोज करके खत्म कर दिया गया है, जो हम सबकी असफलता है। “द हिंदू” अखबार में अपने संपादकीय “द बुलडोज्ड डेमोलिशन ऑफ MGNREGA ” में सोनिया गांधी ने लिखा, “MGNREGA की मौत हमारी सामूहिक असफलता है। उन्होंने सभी से अपील की कि हम एकजुट होकर उन अधिकारों की रक्षा करें जो सबकी सुरक्षा करते हैं।
लागत बंटवारा 60:40 है केंद्र-राज्य के बीच, पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10, और केंद्र शासित क्षेत्रों के लिए 100% केंद्र।
दशक भर से MGNREGAको दबाया जा रहा था
सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार दावा कर रही है कि रोजगार 100 से 125 दिन बढ़ा दिया, लेकिन यह धोखा है। पिछले दशक में योजना को घुटने टेकने की कोशिश की गई। प्रधानमंत्री ने संसद में योजना का मजाक उड़ाया, बजट स्थिर रखा, तकनीक से लोगों को बाहर किया और मजदूरों के पेमेंट देरी से किए। यह सिर्फ MGNREGAनहीं, बल्कि संविधान पर हमला है। वोट का अधिकार, सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, वन अधिकार, भूमि अधिग्रहण में मुआवजा का अधिकार सब कमजोर किए जा रहे हैं। तीन कृषि कानूनों से एमएसपी का अधिकार छीनने की कोशिश की गई। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून अगला निशाना हो सकता है।
ग्रामीण भारत की आवाज दबाने की साजिश?
एमजीएनआरईजीए ने ग्रामीण संकट से निपटने में मदद की थी। अब इसे खत्म करके गरीबों की आवाज दबाई जा रही है। सोनिया गांधी ने अपील की। अब पहले से ज्यादा जरूरी है कि हम एकजुट होकर उन अधिकारों की रक्षा करें जो हमें बचाते हैं। यह खबर “द हिंदू” में सोनिया गांधी के संपादकीय पर आधारित है, जहां उन्होंने MGNREGAको “बुलडोज्ड एंड डेमोलिश्ड” बताया। ग्रामीण विकास और रोजगार के मुद्दे पर यह बहस छिड़ सकती है, जो मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाती है।