टर नोएडा की बादलपुर थाना पुलिस ने शनिवार को ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दस आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी बंद पड़ी बीमा पॉलिसी को फिर से चालू करने या लैप्स हुई पॉलिसी के रुपये वापस दिलाने के नाम पर ठगी करते है। आरोपियों ने हाल ही में ग्रेटर नोएडा निवासी एक व्यक्ति से पॉलिसी फिर से चालू कराने का झांसा देकर 71 लाख रुपये ठग लिये थे।
नोएडा। ग्रेटर नोएडा की बादलपुर थाना पुलिस ने शनिवार को ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दस आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी बंद पड़ी बीमा पॉलिसी को फिर से चालू करने या लैप्स हुई पॉलिसी के रुपये वापस दिलाने के नाम पर ठगी करते है। आरोपियों ने हाल ही में ग्रेटर नोएडा निवासी एक व्यक्ति से पॉलिसी फिर से चालू कराने का झांसा देकर 71 लाख रुपये ठग लिये थे। पकड़े गए आरोपियों का गैंग अब तक करोड़ो रुपये की ठगी को अंजाम दे चुके है। इनके पास से पुलिस टीम ने एक लैपटॉप, 7 एटीएम कार्ड, भिन्न-भिन्न कार्यालयो की 6 नकली मोहर, 13 मोबाइल फोन, 1 चेक बुक, 3 पासबुक, 34 वर्क डाटा शीट, 2 पहचान पत्र आदि बरामद किया है।
दो दिन पहले ही ठगे थे 71 लाख रुपये
ग्रेटर नोएडा की बादलपुर थाना पुलिस के अनुसार दो दिन पहले थाना क्षेत्र निवासी संजय कुमार ने थाने पर शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों ने उनसे बीमा कंपनी के अधिकारी बनकर संपर्क किया था और उनकी एक बंद पड़ी बीमा पॉलिसी को फिर से चालू कराने का झांसा देकर 71 लाख रुपये की ठगी कर ली थी। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरु कर दी थी। इस मामले में शनिवार को सूरजपुर पुलिस ने टीम ने एक सूचना के आधार पर थाना क्षेत्र के एनटीपीसी मोड़ के पास से 10 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपियो की पहचान नन्दग्राम, गाजियाबाद निवासी पंकज गिरी, वैशाली, गाजियाबाद निवासी संजय सिंह गंगवार, घंटाघर गाजियाबाद निवासी आसिफ, साहिबादबाद मंडी, झण्डापुर गाजियाबाद निवासी मोहित, जाफराबाद दिल्ली निवासी सौरभ बंसल, सरिता विहार दिल्ली निवासी मौहम्मद रूकसाद उर्फ समीर, त्रिलोकपुरी दिल्ली निवासी आकाश कश्यप, खजूरी दिल्ली निवासी साजिद , मोदीनगर गाजियाबाद निवासी अंकित गिरि और न्याय खंड इन्द्रापुरम गाजियाबाद निवासी ठाकुर सिंह के रुप में हुई है। पुलिस पकड़े गए आरोपियो से फिलहाल पूछताछ करने में जुटी है।
बीमा कंपनियों के कर्मचारियों से सेटिंग कर लेते थे ग्राहको का डाटा
पकड़े गए आरोपियो से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि ये आरोपियो की अन्य बीमा कंपनियो के कई कर्मचारियो के साथ सेटिंग थी। जिनसे यह लोग ग्राहको का डाटा लेते थे। ये लोग ऐसे ग्राहको से संपर्क करते थे जिसकी पॉलिसी बंद पड़ी हो। उसके बाद ये लोग बंद पॉलिसी को दोबारा से चालू कराने या बंद पोलिसी के रुपयो को वापस दिलाने के नाम पर ग्राहक को अपने जाल में फंसाते थे। आरोपी नकली मोहर के जरीये और फर्जी रसीद बुक के माध्यम से तैयारी की गई नकली बीमा पॉलिसी दे देते थे और रुपयो को अपने खातो में ट्रांसफर करा लेते थे। पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपी अब तक करोड़ो रुपये की ठगी कर चुके है।
रिपोर्ट—सचिन