जनसंख्या के मामले में भारत ने पड़ोसी देश चीन को पीछे छोड़ दिया है, मौजूदा समय में भारत की जनसंख्या (Population of India) लगभग 140.76 करोड़ (2021) है। वहीं, जनसंख्या के मामले में भारत से पिछड़ने के बाद चीन की सरकार के लिए एक परेशान करने वाला आंकड़ा सामने आया है। दरअसल, चीनी सरकार (Chinese Government) नए जन्मों के दर (New Births Rate) को बढ़ाने के प्रयास में है, लेकिन साल 2022 में प्रजनन दर गिरकर 1.09 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
China’s Birth Rate: जनसंख्या के मामले में भारत ने पड़ोसी देश चीन को पीछे छोड़ दिया है, मौजूदा समय में भारत की जनसंख्या (Population of India) लगभग 140.76 करोड़ (2021) है। वहीं, जनसंख्या के मामले में भारत से पिछड़ने के बाद चीन की सरकार के लिए एक परेशान करने वाला आंकड़ा सामने आया है। दरअसल, चीनी सरकार (Chinese Government) नए जन्मों के दर (New Births Rate) को बढ़ाने के प्रयास में है, लेकिन साल 2022 में प्रजनन दर गिरकर 1.09 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
चीनी सरकार (Chinese Government) समर्थित द नेशनल बिजनेस डेली की खबर में कहा गया है कि चीन के जनसंख्या और विकास अनुसंधान केंद्र (Population and Development Research Center of China) के मुताबिक 100 मिलियन से अधिक आबादी वाले देशों में प्रजनन का यह स्तर उनके देश में सबसे कम है। पहले से ही चीन दुनिया में सबसे कम प्रजनन दर वाले देशों में से एक हैं। इन देशों में उसके साथ दक्षिण कोरिया, ताइवान, हांगकांग और सिंगापुर देश हैं। बीते छह दशकों में पहली बार चीन में की जनसंख्या में गिरावट देखने को मिली है।
मंगलवार को हांगकांग के परिवार नियोजन एसोसिएशन (Family Planning Association of Hong Kong) ने एक बयान जारी कर कहा कि इस विशेष चीनी प्रशासनिक क्षेत्र में निसंतान महिलाओं की संख्या पांच साल पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है। यह आंकड़ा बढ़कर पिछले साल 43.2% तक पहुंच गया है। नियोजन एसोसिएशन के सर्वेक्षण के मुताबिक, एक या दो बच्चों वाले जोड़ों का प्रतिशत भी गिर गया है जबकि प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या 2017 में 1.3 से घटकर पिछले साल 0.9 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई।
बता दें कि चीनी सरकार (Chinese Government) आने वाले समय में वहां कम होती युवा आबादी और तेजी से बूढ़े होते लोगों को लेकर चिंतित है। बीजिंग प्रशासन तत्काल आर्थिक मदद और बेहतर चाइल्ड केयर सुविधाओं (Better Child Care Facilities) जैसी पॉलिसी के माध्यम से जन्म दर को बढ़ाने को प्रोत्साहन दे रहा है।