देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2022-23 में सालाना आधार पर घटकर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी। बता दें कि, विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर घटने का अनुमान लगाया गया है। शुक्रवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान में यह संभावना जताई।
नई दिल्ली। देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2022-23 में सालाना आधार पर घटकर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी। बता दें कि, विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर घटने का अनुमान लगाया गया है। शुक्रवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान में यह संभावना जताई।
एनएसओ के मुताबिक, स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 2022-23 में 157.60 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 31 मई, 2022 को जारी 2021-22 के अस्थायी अनुमान में इसके 147.36 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। जीडीपी देश की सीमा में निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है।
वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत रहने की संभावना है जो 2021-22 में 8.7 प्रतिशत थी। इसी तरह विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन घटकर 1.6 प्रतिशतरहने का अनुमान है जबकि 2021-22 में इसमें 9.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।