पाकिस्तान की सरकार एक बार फिर दुनिया के मंच पर शर्मिंदा हुई है। अब उसने मई में तनाव बढ़ने के दौरान भारत के रणनीतिक और सटीक हमलों के अपने मिलिट्री इंस्टॉलेशन पर असर को माना है। ये हमले ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए थे, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बदले में किया गया था, जिसमें 26 आम नागरिक मारे गए थे। इस बार यह शर्मिंदगी पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधान मंत्री इशाक डार की वजह से हुई।
नई दिल्ली। पाकिस्तान की सरकार (government of pakistan) एक बार फिर दुनिया के मंच पर शर्मिंदा हुई है। अब उसने मई में तनाव बढ़ने के दौरान भारत के रणनीतिक और सटीक हमलों के अपने मिलिट्री इंस्टॉलेशन (military installation) पर असर को माना है। ये हमले ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए थे, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) के बदले में किया गया था, जिसमें 26 आम नागरिक मारे गए थे। इस बार यह शर्मिंदगी पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधान मंत्री इशाक डार (Pakistan’s Foreign Minister and Deputy Prime Minister Ishaq Dar) की वजह से हुई, जिन्होंने शनिवार को साल के आखिर में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पुष्टि की कि भारत ने रावलपिंडी के चकला में उनके नूर खान एयर बेस (Noor Khan Air Base) को निशाना बनाया था, जिससे उनके मिलिट्री इंस्टॉलेशन को नुकसान हुआ और वहां तैनात जवान भी घायल हुए।
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार (Pakistan’s Deputy Prime Minister Ishaq Dar) ने कहा कि भारत ने 36 घंटों के भीतर पाकिस्तानी इलाके में कई ड्रोन भेजे थे और एक ड्रोन ने मिलिट्री इंस्टॉलेशन को नुकसान पहुंचाया था। जिससे ऑपरेशन के पैमाने और सटीकता का पता चलता है। भारत ने 36 घंटों में कम से कम 80 ड्रोन भेजे थे। हमने 79 ड्रोन को रोकने में कामयाब रहे, लेकिन एक ड्रोन ने मिलिट्री इंस्टॉलेशन को नुकसान पहुंचाया और हमले में जवान भी घायल हुए थे। पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने 9 मई की रात को एक बैठक की और बदलती स्थिति के जवाब में कुछ फैसलों को मंजूरी दी। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत ने 10 मई की सुबह नूर खान एयर बेस पर हमला करके गलती की। इस टिप्पणी के साथ डार ने मई में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर भारत के सशस्त्र बलों द्वारा की गई रणनीतिक कार्रवाई को स्वीकार किया।