पाकिस्तान ने हाल ही में काबुल में तहरीक-ए-तालिबान के नेताओं के खिलाफ हमले किए हैं, जो एक नई सैन्य रणनीति का संकेत हैं। इस रणनीति के तहत, यदि अफगान तालिबान अफगानिस्तान से होने वाले सीमा पार आतंकवादी हमलों को रोकने में विफल रहता है, तो पाकिस्तान सीधे कार्रवाई करेगा और अपनी आतंकवाद विरोधी प्रतिक्रियाओं को अपनी धरती तक सीमित नहीं रखेगा।
नई दिल्ली। पाकिस्तान ने हाल ही में काबुल में तहरीक-ए-तालिबान (Tehreek-e-Taliban) के नेताओं के खिलाफ हमले किए हैं, जो एक नई सैन्य रणनीति का संकेत हैं। इस रणनीति के तहत, यदि अफगान तालिबान अफगानिस्तान से होने वाले सीमा पार आतंकवादी हमलों को रोकने में विफल रहता है, तो पाकिस्तान सीधे कार्रवाई करेगा और अपनी आतंकवाद विरोधी प्रतिक्रियाओं को अपनी धरती तक सीमित नहीं रखेगा।
इन हमलों का अफगान तालिबान के नेतृत्व पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा है, जिससे उनके रैंकों में डर और सतर्कता देखी गई है। हमलों के बाद आतंकवादी हमलों की संख्या में कमी आई है। अफगान तालिबान ने निजी तौर पर पाकिस्तान से संपर्क कर स्थिति शांत करने का अनुरोध किया है। पाकिस्तान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह लंबी राजनयिक वार्ताओं का इंतजार नहीं करेगा और भविष्य में कोई और हमला होता है तो वह तुरंत निर्णायक कार्रवाई करेगा।