अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि, भाजपा के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग चुनावी रैली में अनर्गल बातें कहकर कांग्रेस के लिए जो झूठ फैला रहे हैं, उससे भाजपा का अपना झूठ बाहर आ रहा है। एक तरफ़ वो दावा कर रहे हैं कि 400 सीट पाकर जीतने वाले हैं; दूसरी तरफ़ वो विपक्ष के जीतने पर क्या होगा कहकर जनता को डरा कर चुनाव में कुछ वोट पाना चाहते हैं।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज होती जा रही है। एक दूसरे पर वार पलटवार तेज हो गया है। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार और PM मोदी पर निशाना साधा है अखिलेश यादव ने कहा कि, एक तरफ़ वो दावा कर रहे हैं कि 400 सीट पाकर जीतने वाले हैं; दूसरी तरफ़ वो विपक्ष के जीतने पर क्या होगा कहकर जनता को डरा कर चुनाव में कुछ वोट पाना चाहते हैं।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि, भाजपा के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग चुनावी रैली में अनर्गल बातें कहकर कांग्रेस के लिए जो झूठ फैला रहे हैं, उससे भाजपा का अपना झूठ बाहर आ रहा है। एक तरफ़ वो दावा कर रहे हैं कि 400 सीट पाकर जीतने वाले हैं; दूसरी तरफ़ वो विपक्ष के जीतने पर क्या होगा कहकर जनता को डरा कर चुनाव में कुछ वोट पाना चाहते हैं। सच तो ये है कि वो अपने मन की बात किसी और के ऊपर डालकर कह रहे हैं।
इसके साथ ही लिखा कि, जिन लोगों ने मेहनत से कमाये हुए ग़रीबों और महिलाओं के बचाए हुए दो पैसे नोटबंदी से निकाल लिये थे वो आज गहनों की बात कर रहे हैं। सच तो ये है कि जिनके पास एक-दो गहने हैं भी, वो मध्यवर्ग भी भाजपा के ख़िलाफ़ वोट डाल रहा है क्योंकि बेरोज़गारी और महंगाई से मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के लोग भी वैसे ही प्रभावित हैं जैसे ग़रीब, किसान, मज़दूर, युवा, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, महिलाओं की आधी आबादी, आदिवासी और दुखी-पीड़ित अगड़े।
उन्होंने आगे लिखा कि, एक समुदाय विशेष के बारे में नाम लेकर गलत बात कहना पूरी दुनिया में फैले उस समुदाय का अपमान है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे देश की सेक्युलर और लोकतांत्रिक पहचान को बहुत ठेस पहुँची है। ये एक बेहद आपत्तिजनक बयान है, जिसकी कोई माफ़ी तक नहीं हो सकती। दरअसल, भाजपा ऐसा बयान इसीलिए दे रही है क्योंकि उसके अपने समर्थक तक उसको वोट नहीं दे रहे हैं। प्रथम चरण की वोटिंग के बाद, ये हताशा भरा बयान देश से भाजपा की सरकार जाने का सबसे पहला बयान भी है और रूझान भी है। ये भाजपा की अपनी हार की स्वीकारोक्ति है।
अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि, संविधान ख़त्म करने की मंशा रखनेवाले ही ऐसी असांविधानिक भाषा का प्रयोग कर सकते हैं। चुनाव आयोग ऐसे बयान के बाद क्या किसी को चुनाव लड़ने की अनुमति देगा। इतिहास इसे याद रखेगा और इसके लिए इतिहास भाजपा को कभी माफ़ नहीं करेगा।