India-Pakistan border: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपनाते हुए एक कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। जिसके बाद पाकिस्तानी बौखलाहट में परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं। साथ ही एलओसी पर बार-बार पाकिस्तानी सेना की ओर सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं, युद्ध की आहट के बीच राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित अंतिम गांव के लोगों ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कमर कस ली है।
India-Pakistan border: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपनाते हुए एक कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। जिसके बाद पाकिस्तानी बौखलाहट में परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं। साथ ही एलओसी पर बार-बार पाकिस्तानी सेना की ओर सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं, युद्ध की आहट के बीच राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित अंतिम गांव के लोगों ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कमर कस ली है।
दरअसल, भारत सरकार ने हाल ही में पाकिस्तान से होने वाले सभी आयात और पाकिस्तानी डाक-पार्सलों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा, पाकिस्तान के स्वामित्व वाले जहाजों के भारतीय बंदरगाहों पर डॉकिंग पर रोक लगायी गयी है। इससे पहले सरकार ने सिंधु जल समझौता रद्द करने और सभी प्रकार के वीजा रद्द करके पाकिस्तानी नागरिकों वापस जाने का आदेश दिया था। इन फैसलों से पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। पाकिस्तान के नेता बार-बार गीदड़भभकी दे रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान को भारत की ओर से हमला किया जाने का डर सता रहा है। ऐसे में वह पहले ही युद्ध की तैयारियों में जुट गया है। वहीं, युद्ध की आशंकाओं के बीच राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित अंतिम गांव समधे खान की ढाणी के लोग भारतीय सेना के साथ मिलकर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।
एक समाचार एजेंसी से बातचीत में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित अंतिम गांव समधे खान की ढाणी के निवासी उम्मेद खान कहते हैं, “यहां सभी ग्रामीण मुस्लिम समुदाय के हैं। पहलगाम में हमला बिल्कुल गलत था। मरने वाले लोग सिर्फ पर्यटक थे। सरकार को आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। पिछले 40-50 सालों से ग्रामीण, बीएसएफ और सेना यहां शांतिपूर्वक रह रहे हैं। हम हमेशा भारत के साथ खड़े हैं और रहेंगे। हम इसी मिट्टी में पैदा हुए हैं और इसी मिट्टी में दफन होंगे। सरकार जो भी कदम उठाएगी, हम पूरी तरह उसके साथ हैं। इस गांव में करीब 150-200 लोग हैं और करीब 50 घर हैं।”
गांव के एक अन्य निवासी मलिक खान कहते हैं, “लोंगेवाला का यह गांव भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब है। यह आखिरी गांव है और हम पिछले 40-50 सालों से यहां रह रहे हैं। सभी गांव वाले मुस्लिम समुदाय के हैं। पहलगाम में जो कुछ भी हुआ, वह बिल्कुल गलत है। पाकिस्तानी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए। अगर यहां कुछ भी होता है तो हम भारतीय सेना के साथ खड़े हैं। युद्ध के दौरान हमारे गांव वालों ने बीएसएफ और सेना का भरपूर साथ दिया है और अगर अब कुछ होता है तो हम भारतीय सेना के साथ मजबूती से खड़े हैं।”