ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में पितृ दोष को दूर करने के लिए अनेक उपाय बताए गए है। व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष के कारण कई प्रकार की समस्याएं लगातार बनी रहती है। व्यापार या नौकरी में किसी प्रकार का नुकसान भी हो सकता है।
Pitru Dosh Upay : ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में पितृ दोष को दूर करने के लिए अनेक उपाय बताए गए है। व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष के कारण कई प्रकार की समस्याएं लगातार बनी रहती है। व्यापार या नौकरी में किसी प्रकार का नुकसान भी हो सकता है। शादी में किसी तरह की रुकावट आ सकती है या शादी के बाद मामला तलाक तक पहुंच सकता है। यदि कोई दम्पति अनेक उपाय करने के बाद भी संतान सुख से वंचित है। या जन्म लेने वाला बच्चा मंदबुद्धि, विकलांग आदि होता है या बच्चा पैदा होते ही मर जाता है। इन परेशानियों से बचने के लिए प्रत्येक अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और उपाय आदि करने चाहिए। इस बार 7 मई, मंगलवार को वैशाख मास की अमावस्या रहेगी। ये तिथि पितृ कार्यों के लिए बहुत ही शुभ मानी गई है। जानिए पितृ दोष की शांति के लिए इस दिन कौन-से उपाय करें।
तर्पण-पिंडदान करें
पितृों की शांति के लिए वैशाख अमावस्या पर किसी तीर्थ स्थान पर या अपने घर ही तर्पण-पिंडदान आदि करें। इसके लिए किसी योग्य ब्राह्मण का चुनाव करें। अमावस्या तिथि पर तर्पण-पिंडदान करने से पितर देवता प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
वैशाख अमावस्या के दिन पूर्वजों के निमित्त श्राद्ग के बाद काले तिल, नमक, गेंहू, चावल, गाय का दान, सोना, वस्त्र, चांदी का दान भी पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है।
वैशाख अमावस्या के दिन किसी सार्वजनिक स्थल पर पीपल, का पौधा लगाएं और उसकी सेवा करें, रोजाना श्रीमद्भागवत गीता के सातवें अध्याय का पाठ करने से भी पितृ दोष खत्म होता है।
अमावस्या पर सुबह स्नान आदि करने के बाद सुलगते हुए कंडे के ऊपर घी और गुड मिलाकर डालें। ऐसा करते समय ऊं पितृ देवताभ्यो नम: मंत्र का जाप करें।