PM Modi in Uttarakhand: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) गुरुवार को हल्द्वानी (Haldwani) पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कई योजनाओं को तोहफा दिया। उन्होंने कहा कि, आज कुमाऊं आने का सौभाग्य मिला तो कई पुरानी यादें ताज़ा हो गईं हैं। ये इतनी आत्मीयता से आपने जो उत्तराखंडी टोपी मुझे पहनाई गई है, वो उसे पहनकर मुझे गर्व का अनुभव हो रहा है। उत्तराखंड (Uttarakhand) के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखंड (Uttarakhand) का दशक बनाएगा।
PM Modi in Uttarakhand: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) गुरुवार को हल्द्वानी (Haldwani) पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कई योजनाओं को तोहफा दिया। उन्होंने कहा कि, आज कुमाऊं आने का सौभाग्य मिला तो कई पुरानी यादें ताज़ा हो गईं हैं। ये इतनी आत्मीयता से आपने जो उत्तराखंडी टोपी मुझे पहनाई गई है, वो उसे पहनकर मुझे गर्व का अनुभव हो रहा है। उत्तराखंड (Uttarakhand) के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखंड (Uttarakhand) का दशक बनाएगा। उत्तराखंड में बढ़ रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चार धाम महापरियोजना, नए बन रहे रेल रूट्स, इस दशक को उत्तराखंड (Uttarakhand) का दशक बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड (Uttarakhand) से कितनी ही नदियां निकलती हैं। आजादी के बाद से ही, यहां के लोगों ने दो धाराएं और देखी हैं। एक धारा है पहाड़ को विकास से वंचित रखने की और दूसरी धारा है पहाड़ के विकास के लिए दिन रात एक कर देने की। पीएम मोदी ने कहा कि, उत्तराखंड (Uttarakhand) अपनी स्थापना के 20 साल पूरे कर चुका है। इन वर्षों में आपने ऐसे भी सरकार चलाने वाले देखे हैं जो कहते थे चाहे उत्तराखंड को लूट लो, मेरी सरकार बचा लो। इन लोगों ने दोनों हाथों से उत्तराखंड को लूटा। जिन्हें उत्तराखंड से प्यार हो, वो ऐसा सोच भी नहीं सकते।
उन्होंने कहा कि, जब हम किसी ऐतिहासिक स्थल पर जाते हैं तो वहां हमें ये बताया जाता है कि इस स्थान को इतने साल पहले बनाया गया था, ये इमारत इतनी पुरानी है। दशकों तक देश का ये हाल रहा है कि बड़ी योजनाओं की बात आते ही कहा जाता था ये योजना इतने साल से अटकी है, ये प्रोजेक्ट इतने दशक से अधूरा है। पहले जो सरकार में रहे हैं, ये उनका परमानेंट ट्रेडमार्क रहा है। आज यहां उत्तराखंड में जिस लखवाड़ प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ है, उसका भी यही इतिहास है।
इस परियोजना के बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था। आज 46 साल बाद, हमारी सरकार ने इसके काम का शिलान्यास किया है। केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल टेलीस्कोप भी स्थापित की है। इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि, आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं।
पहले की सरकारों ने सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद कैसे इस क्षेत्र की अनदेखी की, ये राष्ट्ररक्षा के लिए संतानों को समर्पित करने वाली कुमाऊं की वीर माताएं भूली नहीं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि, कनेक्टिविटी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के हर पहलू को अनदेखा किया गया। हमारी सेना और सैनिकों को सिर्फ और सिर्फ इंतज़ार ही कराया।