प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। जिस पर स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी नेताओं को चेतावनी भी दी। इसके बाद कई विपक्षी नेता वॉकआउट कर गए। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही राहुल गांधी का नाम लिए बिना शायराना अंदाज में हमला बोला।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। जिस पर स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी नेताओं को चेतावनी भी दी। इसके बाद कई विपक्षी नेता वॉकआउट कर गए। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही राहुल गांधी का नाम लिए बिना शायराना अंदाज में हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं देख रहा था कल कि कुछ लोगों के भाषण के बाद उनके समर्थक उछल रहे थे। वे खुश होकर कहने लगे कि ये हुई ना बात। शायद नींद भी अच्छी आई होगी। शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए बहुत अच्छे ढंग से कहा गया है- ये कह कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर #LokSabha में हुई चर्चा का प्रधानमंत्री @narendramodi दे रहे हैं जवाब। #BudgetSession #MotionOfThanks
Watch Live: https://t.co/LvGXDLCfLU pic.twitter.com/hovmdfhJUd
— SansadTV (@sansad_tv) February 8, 2023
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करता हूं और यह मेरा सौभाग्य रहा है कि पहले भी कई बार उनके अभिभाषण पर धन्यवाद करने का अवसर मिला है। लेकिन इस बार धन्यावद के साथ उनका अभिनन्दन भी करना चाहता हूं। राष्ट्रपति का अभिभाषण दूरदर्शी और ऐतिहासिक है। उनकी उपस्थिति प्रेरणादायक है।
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाया है, लेकिन आज आजादी के 75 साल के बाद समाज में जो गौरव को बढ़ाया है, उनका आत्मविश्वास बढ़ाया है, उसके लिए आभारी हूं। उनके भाषण में संकल्प से सिद्धि तक का खाका खींचा गया। एक प्रकार से देश को प्रेरणा भी दी गई। यहां सभी ने इस चर्चा में हिस्सा लिया। सभी ने अपनी प्रवृत्ति और समझ के हिसाब बात की। इससे उनके इरादे भी प्रकट हुए। देश की जनता ने सब कुछ देखा।
पीएम मोदी ने कहा कि जब राष्ट्रपति जी का अभिभाषण का हो रहा था, तब कुछ लोग कन्नी भी काट गए। एक बड़े नेता तो राष्ट्रपति जी का अपमान भी कर चुके हैं। जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत भी दिखा चुके हैं। जब इस प्रकार की बातें टीवी पर कही गईं, तो भीतर पड़ा हुआ नफरत भाव था, वह सच बाहर आकर ही रह गया। …ठीक है, बाद में चिट्ठी लिखकर बचने की कोशिश की गई। जब राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर चर्चा सुन रहा था, तब लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर स्वीकार किया गया है। राष्ट्रपति जी के भाषण पर किसी को एतराज नहीं है या आलोचना नहीं है।