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राष्ट्रपति बाइडेन ने जाते-जाते भारत को दिये दो बड़े तोहफा; परमाणु और AI को लेकर US सरकार का अहम फैसला

India-US Relations: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने वाले हैं। इससे पहले मौजूदा जो बाइडेन सरकार (Joe Biden Government) ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में भारत को दो बड़े तोहफे दिए हैं। अमेरिकी सरकार के दो अहम फैसलों में परमाणु और AI से जुड़े मामले शामिल हैं। जिससे दोनों देशों के बीच सम्बन्धों को और मजबूती मिलेगी।  

By Abhimanyu 
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India-US Relations: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने वाले हैं। इससे पहले मौजूदा जो बाइडेन सरकार (Joe Biden Government) ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में भारत को दो बड़े तोहफे दिए हैं। अमेरिकी सरकार के दो अहम फैसलों में परमाणु और AI से जुड़े मामले शामिल हैं। जिससे दोनों देशों के बीच सम्बन्धों को और मजबूती मिलेगी।

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एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिक के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (BIS) ने भारत के कुछ प्रमुख परमाणु संस्थानों को अपने परमाणु नियंत्रण कानून (Nuclear Control Law) यानी ‘एंटिटी लिस्ट’ (Entity List) से बाहर कर दिया है। जिसमें भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR), और इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (IREL) शामिल हैं। ‘एंटिटी लिस्ट’ का इस्तेमाल अमेरिका उन संगठनों पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाने के लिए करता है, जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति के लिए खतरा बन सकते हैं।

‘एंटिटी लिस्ट’ से बाहर होने का मतलब है कि अब भारत के ये प्रमुख परमाणु संस्थान अमेरिकी तकनीक (American technology) और उपकरणों (Devices) का उपयोग बिना किसी विशेष प्रतिबंध के कर सकेंगे। वहीं, वहीं चीन के 11 संगठनों को ‘एंटिटी लिस्ट’ में जोड़ा गया है। इसके अलावा, अमेरिका ने भारत को एडवांस AI चिप्स फायदा उठाने के लिए बिना किसी रोक-टोक की अनुमति दे दी है। इससे भारत उन 18 देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिन्हें ये विशेष तकनीकी सुविधाएं मिलती हैं।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (Jake Sullivan) ने दिल्ली आईआईटी में बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के पिछले अमेरीका दौरे के समय एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मुलाकात में इन प्रतिबंधों को हटाने पर चर्चा हुई थी। सुलिवन ने कहा कि अमेरिका ने लगभग 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग के एक परियोजना पर काम करना शुरू किया था, लेकिन इसे पूरी तरह साकार करने का समय अब आया है।

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