आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Former RBI Governor Raghuram Rajan) की गिनती एक दिग्गज अर्थशास्त्रियों में होती है। यही वजह है कि वे जब भी देश की इकोनॉमी को लेकर कुछ बोलते हैं तो वह मीडिया में छा जाती है। रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने कहा था कि प्रोडक्शन लिंक्ड इसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत भारत में मोबाइल फोन नहीं बनाए जा रहे, उन्हें बस असेंबल किया जा रहा है।
नई दिल्ली। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Former RBI Governor Raghuram Rajan) की गिनती एक दिग्गज अर्थशास्त्रियों में होती है। यही वजह है कि वे जब भी देश की इकोनॉमी को लेकर कुछ बोलते हैं तो वह मीडिया में छा जाती है। रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने कहा था कि प्रोडक्शन लिंक्ड इसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत भारत में मोबाइल फोन नहीं बनाए जा रहे, उन्हें बस असेंबल किया जा रहा है। राजन इन दिनों अपने इस बयान को लेकर चर्चा में हैं, जिस पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव भड़क गए हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने शनिवार को कहा कि जब अच्छे अर्थशास्त्री नेता बनते हैं तो अपना इकोनॉमिक सेंस भूल जाते हैं। रघुराम राजन नेता बन गए हैं। अब उन्हें खुलकर सामने आना चाहिए, चुनाव लड़ना चाहिए, चुनाव कराना चाहिए और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना चाहिए।
वैष्णव ने कहा कि राजन किसी ओर की तरफ से शैडो बॉक्सिंग कर रहे हैं। ये अच्छी बात नहीं है। शैडो बॉक्सिंग में हवा में पंच मारे जाते हैं। इसमें लड़ने के लिए कोई विरोधी नहीं होता है। राजन को जब राजनीति करनी है तो खुलकर सामने आना चाहिए। राजन इसी साल जनवरी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे।
सभी देशों असेंबलिंग का रास्ता अपनाया
रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Minister of Railways, Electronics and Information Technology Ashwini Vaishnav) ने कहा कि हर देश जिसने इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्माण शुरू किया है, उसने पहले कंप्लीटली नॉक्ड-डाउन (CKD), सेमी नॉक्ड-डाउन (SKD) को लाने और प्राेडक्ट को असेंबल करने का मार्ग अपनाया है। इसके अलावा, सिस्टम के उत्पादन के बाद विभिन्न घटकों का उत्पादन होता है।
3 कंपनियां फोन बनाएंगी कॉम्पोनेंट्स
वैष्णव ने कहा कि अगले 2 सालों में भारत इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में 30 फीसदी वैल्यू एडिशन हासिल कर लेगा। इसके अलावा 3 कंपनियां देश में मोबाइल फोन के कॉम्पोनेंट्स बनाएगीं।
आज ग्लोबल सप्लाई चेन इतनी कॉम्प्लेक्स है कि किसी भी देश की वैल्यू एडिशन 40 फीसदी से ज्यादा नहीं है। उन्होंने कहा कि हर देश में फोन प्रोडक्शन की कई स्टेज होती हैं। सबसे पहले फोन की असेंबली होती है, फिर पार्ट्स बनाए जाते हैं और बाद में पूरे सिस्टम बनने लगते हैं।