कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत में प्रतिभा तो है, लेकिन युवाओं को रोजगार देने के लिए नई प्रौद्योगिकी में औद्योगिक कौशल विकसित करने के लिए उसे खोखले शब्दों की नहीं, बल्कि मजबूत उत्पादन आधार की जरूरत है। राहुल गांधी ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे चीन ने ड्रोन का उत्पादन शुरू कर दिया है
नई दिल्ली। लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Lok Sabha Leader of Opposition Rahul Gandhi) ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत में प्रतिभा तो है, लेकिन युवाओं को रोजगार देने के लिए नई प्रौद्योगिकी में औद्योगिक कौशल विकसित करने के लिए उसे खोखले शब्दों की नहीं, बल्कि मजबूत उत्पादन आधार की जरूरत है। राहुल गांधी ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे चीन ने ड्रोन का उत्पादन शुरू कर दिया है? जो दुनिया भर में युद्ध में क्रांति ला रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए रणनीति विकसित करने की जरूरत है।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi)ने कहा कि ड्रोन ने युद्ध में क्रांति ला दी है, बैटरी, मोटर और ऑप्टिक्स को मिलाकर अभूतपूर्व तरीके से युद्ध के मैदान में युद्धाभ्यास और संचार किया है। लेकिन ड्रोन सिर्फ़ एक तकनीक नहीं है, वे एक मजबूत औद्योगिक प्रणाली द्वारा उत्पादित नीचे से ऊपर तक के नवाचार हैं।
Drones have revolutionised warfare, combining batteries, motors and optics to manoeuver and communicate on the battlefield in unprecedented ways. But drones are not just one technology – they are bottom-up innovations produced by a strong industrial system.
Unfortunately, PM… pic.twitter.com/giEFLSJxxv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 15, 2025
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर कटाक्ष करते हुए पोस्ट में कहा कि दुर्भाग्य से पीएम मोदी (PM Modi) इसे समझने में विफल रहे हैं। जबकि वह एआई (AI) पर ‘टेलीप्रॉम्प्टर’ भाषण देते हैं, हमारे प्रतिस्पर्धी नई तकनीकों में महारत हासिल कर रहे हैं। भारत को खोखले शब्दों की नहीं, बल्कि एक मजबूत उत्पादन आधार की आवश्यकता है।
इन तीन मुख्य मार्ग से भारत आए ड्रोन
लाहौर से अमृतसर, नरोवाल से फिरोजपुर और बहावलनगर से श्रीगंगानगर- पिछले तीन सालों में ये तीन मुख्य मार्ग के जरिए पाकिस्तान से भारत के सीमावर्ती इलाकों में ड्रग्स और हथियार पहुंचाने वाले ड्रोन सबसे ज़्यादा संख्या में आए हैं। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने दिल्ली और पंजाब में अपने ड्रोन फ़ोरेंसिक लैब में लगभग 500 ड्रोन के उड़ान पथों का विश्लेषण करने के बाद यह बात का खुलाया किया है।
लाहौर से भारत भेजे 184 ड्रोन
इन मानवरहित हवाई वाहनों की फोरेंसिक जांच से पता चला है कि सबसे अधिक 184 ड्रोन लाहौर से शुरू हुए और अमृतसर सीमा क्षेत्र में उतरे। 42 ड्रोन ने नारोवाल सीमा क्षेत्र से अपनी यात्रा शुरू की और फिरोजपुर सीमा क्षेत्र में उतरे। नारोवाल से 14 ड्रोन गुरदासपुर सीमा क्षेत्र में पहुंचे। गृह मंत्रालय (MHA) के एक अधिकारी ने बताया, “पंजाब के अलावा बहावलनगर से छह अलग-अलग ड्रोन आए और राजस्थान के श्रीगंगानगर सीमा क्षेत्र में पहुंचे। दो ड्रोन टोबा टेक सिंह से बीकानेर सीमा क्षेत्र में उतरे है।
मार्च 2022 से जनवरी 2025 तक 307 ड्रोन मिले
इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) के मुताबिक, गृह मंत्रालय के अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली फोरेंसिक लैब (Delhi Forensic Lab) को मार्च 2022 से जनवरी 2025 तक 307 ड्रोन मिले। इनमें से बीएसएफ (BSF) ने 284 ड्रोन, पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने 20, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दो और मणिपुर पुलिस (Manipur Police) ने एक ड्रोन जमा किया। अधिकारी ने कहा कि 2022 में 28 ड्रोन जांच के लिए भेजे गए, जबकि 2023 में 115 ड्रोन, पिछले साल 155 और इस साल अब तक नौ ड्रोन भेजे गए। अमृतसर फोरेंसिक लैब (Amritsar Forensic Lab) के आंकड़ों से पता चलता है कि उसे जांच के लिए 194 ड्रोन मिले थे। अधिकारियों ने कहा, इन 194 में से 190 बीएसएफ, तीन पंजाब पुलिस और एक सेना ने भेजे थे।
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