HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. SBI ने आरटीआई कानून के तहत इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने से किया इनकार, कही ये बात

SBI ने आरटीआई कानून के तहत इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने से किया इनकार, कही ये बात

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सूचना के अधिकार ( RTI ) कानून के तहत चुनाव आयोग को दिए गए चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) का ब्योरा देने से इनकार करते हुए दावा किया है कि यह व्यक्तिगत जानकारी है जिसे किसी जिम्मेदार हैसियत से रखा गया है। एसबीआई (SBI) ने यह भी कहा कि इसके बावजूद चुनाव आयोग (Election Commission) की वेबसाइट पर पब्लिक डोमेन मौजूद हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई ​दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सूचना के अधिकार ( RTI ) कानून के तहत चुनाव आयोग को दिए गए चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) का ब्योरा देने से इनकार करते हुए दावा किया है कि यह व्यक्तिगत जानकारी है जिसे किसी जिम्मेदार हैसियत से रखा गया है। एसबीआई (SBI) ने यह भी कहा कि इसके बावजूद चुनाव आयोग (Election Commission) की वेबसाइट पर पब्लिक डोमेन मौजूद हैं।

पढ़ें :- Haryana Assembly Elections 2024 : BJP ने वोटिंग की तारीख बदलने की उठाई मांग, ECI को लिखा पत्र

चुनावी बॉन्ड योजना को “असंवैधानिक और स्पष्ट रूप से मनमाना” बताते हुए, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 15 फरवरी को एसबीआई (SBI)  को निर्देश दिया कि वह 12 अप्रैल, 2019 से खरीदे गए बॉन्ड का पूरा विवरण चुनाव आयोग को प्रस्तुत करे, आयोग से कहा गया था कि वह 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर सूचना प्रकाशित करे।

11 मार्च को, अदालत ने समय सीमा के विस्तार की मांग करने वाली एसबीआई (SBI)  की याचिका को खारिज कर दिया और 12 मार्च को व्यावसायिक घंटों के अंत तक चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने का आदेश दिया। आरटीआई ( RTI )  कार्यकर्ता कोमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश बत्रा ने 13 मार्च को एसबीआई (SBI)  से संपर्क कर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए गए इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा डेटा डिजिटल रूप में देने की मांग की थी।

बैंक ने सूचना के अधिकार ( RTI ) अधिनियम के तहत दिए गए दो छूट प्रावधानों का हवाला देते हुए जानकारी से इनकार किया– इनमें धारा 8 (1) (ई) एक जिम्मेदार क्षमता में रखे गए रिकॉर्ड से संबंधित है और धारा 8 (1) (जे) व्यक्तिगत जानकारी को रोकने की अनुमति देती है।”

केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी तथा एसबीआई (SBI) के उप महाप्रबंधक द्वारा बुधवार को दिए जवाब में कहा गया, आपके द्वारा मांगी गई सूचना में खरीदारों और राजनीतिक पार्टियों से जुड़ी जानकारी मांगी गई है और इसलिए इसका खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह जानकारी एक जिम्मेदारी के तहत सार्वजनिक नहीं की जा सकती। आरटीआई कानून की धारा 8(1)(ई) और (जे) के तहत ऐसी जानकारी देने से छूट प्राप्त है।

पढ़ें :- Jammu-Kashmir Assembly Elections 2024 : गुलाम नबी आजाद ,बोले-10 साल में लोगों को जो तकलीफ हुई,वो अब हो जाएगी दूर

बत्रा ने एसबीआई (SBI) द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को भुगतान की गई फीस का विवरण भी मांगा था। इसका भुगतान चुनावी बॉन्ड (Election Commission)  के रिकॉर्ड के खुलासे के खिलाफ मामले का बचाव करने के लिए एसबीआई (SBI) की ओर से किया गया था।बत्रा ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि एसबीआई (SBI) ने वह सूचना देने से इनकार कर दिया जो पहले से ही चुनाव आयोग (Election Commission)  की वेबसाइट पर है। साल्वे को दी गई फीस के बारे में बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बैंक ने ऐसी सूचना देने से इनकार किया है जिसमें करदाताओं का पैसा शामिल है।

चुनाव आयोग (Election Commission)  ने 14 मार्च को एसबीआई द्वारा जारी आंकड़ों को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया, जिसमें बॉन्ड भुनाने वाले राजनीतिक दलों और दानदाताओं का विवरण था। शीर्ष अदालत ने 15 मार्च को प्रत्येक चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) के लिए अद्वितीय संख्या को रोककर पूरी जानकारी नहीं देने के लिए एसबीआई (SBI) को फटकार लगाते हुए कहा था कि बैंक जानकारी का खुलासा करने के लिए “कर्तव्यबद्ध” था।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि उसने बॉन्ड के सभी विवरणों का खुलासा करने का निर्देश दिया है, जिसमें खरीदारों के नाम, राशि और खरीद की तारीख शामिल है। राजनीतिक चंदा देने के लिए बॉन्ड खरीदने वाली इकाइयों की पूरी सूची पेश करने के एक दिन बाद सीजेआई (CJI) ने कहा कि सभी विवरण एसबीआई (SBI) द्वारा प्रस्तुत किए जाने चाहिए, क्योंकि अदालत ने बैंक को अधूरी जानकारी प्रस्तुत करने के लिए फटकार लगाई थी।

एसबीआई (SBI) ने कहा था कि एक अप्रैल, 2019 से इस साल 15 फरवरी के बीच दानदाताओं ने अलग-अलग मूल्य के कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे, जिनमें से 22,030 को राजनीतिक दलों ने भुनाया।

पढ़ें :- यूपी विधानसभा उपचुनावों में भी भाजपा को हराने के लिए जनता फ़ील्ड में उतर चुकी है : अखिलेश यादव
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...