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पाकिस्तान के खुजदार जिले में सैन्य अभियान में गई कई लोगों की जान, अपने ही लोगों पर कर रहे गोलाबारी

पाकिस्तान के खुजदार जिले के ज़ेहरी में गहन सैन्य अभियान में कई लोगों की मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। पाकिस्तानी सेना ड्रोन से स्थानीय लोगों पर हमला कर रही है। लगतार चार दिनों से चल रहे सैन्य कार्रवाई में खुजदार जिले को मानवीय संकट में डाल दिया है। यहां पर संचार व्यवस्था ठप होने और सड़क अवरोधों के कारण स्थिति की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पा रही है। द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ईंधन और खाद्य पदार्थों की कमी गंभीर होती जा रही है।

By Satish Singh 
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नई दिल्ली। पाकिस्तान के खुजदार जिले (Khuzdar district) के ज़ेहरी में गहन सैन्य अभियान (military operation) में कई लोगों की मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। पाकिस्तानी सेना ड्रोन (drone) से स्थानीय लोगों पर हमला कर रही है। लगतार चार दिनों से चल रहे सैन्य कार्रवाई में खुजदार जिले को मानवीय संकट में डाल दिया है। यहां पर संचार व्यवस्था ठप होने और सड़क अवरोधों के कारण स्थिति की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पा रही है। द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ईंधन और खाद्य पदार्थों की कमी गंभीर होती जा रही है। तीन दिनों के पूर्ण लॉकडाउन के बाद पेट्रोल की आपूर्ति लगभग समाप्त हो गई है।

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द बलूचिस्तान पोस्ट (The Balochistan Post) के अनुसार कोचाव में पाकिस्तानी सेना द्वारा लगातार बमबारी ने कपास (cotton) के खेतों को नष्ट कर दिया है। जिससे स्थानीय किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। चश्मा में तोपखाने और मोर्टार की गोलीबारी से व्यापक भय फैल हुआ है, हालांकि अभी तक वहां किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है। डांडार और मोरेन्की सहित आसपास के गांवों को भी भारी गोलाबारी का सामना करना पड़ रहा है। आवासीय भवनों को कथित तौर पर नुकसान पहुंचा है, जबकि अधिकारी क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहे हैं। हालाकि ज़ेहरी में इंटरनेट बंद होने के कारण विश्वसनीय जानकारी बेहद सीमित है। यह अभियान बलूच लिबरेशन आर्मी (Baloch Liberation Army) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (Balochistan Liberation Front) जैसे बलूच समर्थक स्वतंत्रता समूहों के खिलाफ निर्देशित है। इन संगठनों ने अगस्त में ज़ेहरी पर नियंत्रण स्थापित किया था, जिससे क्षेत्र पर उनकी पकड़ मजबूत हो गई थी। हवाई ड्रोन, बख्तरबंद वाहनों और भारी तोपखाने से पाकिस्तानी सेना (pakistan army) ने सशस्त्र समूहों से तहसील को वापस लेने के लिए अपना नवीनतम आक्रमण शुरू किया है। संचार लाइनें कट जाने और मानवीय पहुंच अवरुद्ध होने के कारण नागरिक के हताहत और संपत्ति को हुए नुकसान का पता नहीं चल पा रहा है। घटती आपूर्ति और बढ़ते डर की रिपोर्टें बताती हैं कि आबादी संघर्ष का खामियाजा भुगत रही है। बलूचिस्तान पोस्ट ने उद्धृत किया है ब्लैकआउट (blackout) जारी रहने के कारण लोगों की आवाजें दब गई है। सैन्य कार्रवाई की छाया में उनका भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।

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