Shehbaz Sharif at Gaza Peace Summit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का क्रेडिट लेने की कोशिश करते रहे हैं, जिसे भारत हर बार इस दावे खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि यह समझौता दोनों सेनाओं के DGMO की बातचीत के बाद हुआ। इसमें किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं रहा। हालांकि, अमेरिका की चापलूसी करने वाला पाकिस्तान भी भारत के साथ सीजफायर के लिए ट्रंप को श्रेय दे रहा है।
Shehbaz Sharif at Gaza Peace Summit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का क्रेडिट लेने की कोशिश करते रहे हैं, जिसे भारत हर बार इस दावे खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि यह समझौता दोनों सेनाओं के DGMO की बातचीत के बाद हुआ। इसमें किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं रहा। हालांकि, अमेरिका की चापलूसी करने वाला पाकिस्तान भी भारत के साथ सीजफायर के लिए ट्रंप को श्रेय दे रहा है।
दरअसल, दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गाजा पीस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के जमकर गुणगान किए। ट्रंप के लिए नोबेल की मांग को दोहराते हुए शहबाज ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनियाभर में 8 युद्ध रुकवाए हैं और शांति के नोबेल के लिए उनसे अच्छा व्यक्ति कोई हो ही नहीं सकता है। अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को रोकने का श्रेय ट्रंप को दिया। उन्होंने कहा, “अगर यह सज्जन (ट्रंप) अपनी अद्भुत टीम के साथ उन चार दिनों के दौरान हस्तक्षेप न करते तो दोनों परमाणु देशों के बीच युद्ध उस स्तर तक बढ़ सकता था जहां कोई भी यह बताने के लिए जीवित नहीं बचता कि क्या हुआ।”
हालांकि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की चापलूसी काम नहीं आयी, ट्रंप उनके सामने ही भारत और उसके प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने लगे। जिसने शहबाज के जले पर नमक छिड़कने जैसा था। शहबाज शरीफ के संबोधन के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘उनके (पाकिस्तानी प्रधानमंत्री) शब्द बहुत अच्छे थे। अब कहने के लिए कुछ बचा ही नहीं है, चलो घऱ निकल चलते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘भारत एक महान देश है जिसके शीर्ष पर मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है और उन्होंने शानदार काम किया है।’ इस दौरान ट्रंप ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे।’ शहबाज शरीफ की ओर देखकर हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘वह इसको संभव बनाने में मदद करेंगे, है ना?’