मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित भूत भावन भगवान महाकालेश्वर मंदिर (Bhoot Bhavan Bhagwan Mahakaleshwar Temple) में इन दिनों शिव नवरात्रि महोत्सव (Shiv Navaratri Mahotsav) का उल्लास बिखरा हुआ है। इस अवसर पर प्रति दिन राजाधिराज महाकाल का अद्भुत श्रृंगार किया जा रहा है तो वहीं मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता भी लगा हुआ है।
उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित भूत भावन भगवान महाकालेश्वर मंदिर (Bhoot Bhavan Bhagwan Mahakaleshwar Temple) में इन दिनों शिव नवरात्रि महोत्सव (Shiv Navaratri Mahotsav) का उल्लास बिखरा हुआ है। इस अवसर पर प्रति दिन राजाधिराज महाकाल का अद्भुत श्रृंगार किया जा रहा है तो वहीं मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता भी लगा हुआ है। गौरतलब है कि उज्जैन के महाकाल मंदिर में ही महाशिवरात्रि के अवसर पर नौ दिनों तक शिव नवरात्रि उत्सव (Shiva Navratri Utsav) मनाया जाता है।
मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित भूत भावन भगवान महाकालेश्वर मंदिर में इन दिनों शिव नवरात्रि महोत्सव का उल्लास बिखरा हुआ है। इस अवसर पर प्रति दिन राजाधिराज महाकाल का अद्भुत श्रृंगार किया जा रहा है तो वहीं मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता भी लगा हुआ है। pic.twitter.com/iG2T6FsuLD
— santosh singh (@SantoshGaharwar) February 22, 2025
उज्जैन में महाशिवरात्रि से पहले शिव नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है और इस दौरान महाकाल को दूल्हे की तरह सजाया जाता है । यह पर्व केवल उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ही मनाया जाता है। महाशिवरात्रि से 9 दिन पहले शिव नवरात्रि शुरू होते हैं और इस दौरान 9 दिनों तक महाकाल का अलग-अलग प्रकार से श्रृंगार किया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन शिव नवरात्रि का समापन होता है।
कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह हुआ था। जिस तरह लोग शादी-विवाह से पहले कुछ परंपराएं निभाई जाती है और हल्दी-मेहंदी की रस्म होती है। उसी प्रकार शिव नवरात्रि में भी भगवान महाकाल को चंदन का लेप लगाया जाता है और फिर मेहंदी लगाई जाती है।
मध्यप्रदेश से अक्षय की रिपोर्ट