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Solar Eclipse 2025 : 29 मार्च को सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का दुर्लभ संयोग , जरूर करें यह कार्य

ग्रहण को खगोल की सबसे अद्भुत घटना माना जाता है। इस घटना का असर भौतिक जगत पर पड़ता है। ज्योतिष विज्ञान में सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Solar Eclipse 2025 : ग्रहण को खगोल की सबसे अद्भुत घटना माना जाता है। इस घटना का असर भौतिक जगत पर पड़ता है। ज्योतिष विज्ञान में सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।  वर्ष 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगेगा।  इस महत्वपूर्ण समय में कुछ सावधानियां रखने की जरूरत है। हालांकि, यह ग्रहण पूर्ण नहीं, बल्कि आंशिक होगा। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण होने वाले प्रभावों के बारे विस्तार से बताया गया है।  ऐसे में इस दिन सभी को कुछ बातों का विशेष ध्यान जरूर रखने की जरूरत है। आइए जानते हैं शनि अमावस्या को लगने वाले साल के पहले सूर्य ग्रहण और शनि देव के गोचर के समय हमें किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी है।

पढ़ें :- Solar Eclipse 2025 : साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण इस दिन लगेगा , जानें सूतक काल

1. जीवों पर दया करें
चैत्र अमावस्या या शनि अमावस्या को कुछ विशेष नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है. इस दिन जीव जंतुओं को परेशान नहीं करना चाहिए, खासकर गाय, कुत्ते और कौवे को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए।

2. बाल, नाखून और दाढ़ी काटना अशुभ
चैत्र अमावस्या या शनि अमावस्या के दिन बाल, नाखून और दाढ़ी काटना शुभ माना जाता है. माना जाता है कि चैत्र अमावस्या के दिन बाल, नाखून और दाढ़ी काटने से जीवन में तरह तरह की बाधाओं का समाना करना पड़ता है और बनते कार्य बिगड़ जाते हैं।

4. तामसिक भोजन के सेवन से रहे दूर
चैत्र अमावस्या के दिन तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
इसके साथ ही इस दिन हीं क्रोध, छल-कपट और गलत तरीके से धन कमाने से भी बचना चाहिए. इन सभी कारणों से  शनि देव नाराज हो सकते हैं।

करें ये उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि अमावस्या को कुछ उपायों से शनि देव की कृपा प्राप्त हो सकती है।
शनि अमावस्या को जरूरतमंदों को दान करें। इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र और तेल का दान किया जा सकता हैंं।
शनि अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा करें और सरसों के तेल का दिया जलाएं।  इस दिन शनि मंदिर में जाकर तेल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
शनि अमावस्या पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।

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