कहीं पहुंचने का सपना रास्ते की रुकावटों को तोड़ते हुए नया रास्ता बना ही लेता है। बिहार के गया जिले के रहने वाले मंतराज ने इसको साबित किया।
Success Story -JEE Advanced Mant Raj : कहीं पहुंचने का सपना रास्ते की रुकावटों को तोड़ते हुए नया रास्ता बना ही लेता है। बिहार के गया जिले के रहने वाले मंतराज ने इसको साबित किया। शारीरिक रूप से दिव्यांग इस होनहार ने अपने जीवन में शिक्षा की ज्योति जला कर इतिहास रच दिया। मंतराज ने जेईई एडवांस परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है। वो शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं और उनकी आंखों की रोशनी भी बहुत कम है। इसके बावजूद उन्होंने ओबीसी-पीडब्ल्यूडी कैटेगरी में ऑल इंडिया 81वां रैंक लाकर एक मिसाल कायम की है।
इतना सब कर गुजरने का हौसला मंतराज को गांव से ही मिला। इनका गांव मानपुर प्रखंड के पटवा टोली में है। बता दें कि ये वहीं पटवा टोली है जहां से हर साल सामान्य परिवार के बच्चे आईआईटी में सिलेक्ट होते हैं।आर्थिक रूप से काफी कमजोर मंत राज के माता-पिता गुजर बसर करने के लिए के सूरत में रह कर कपड़े की फैक्ट्री में मजदूरी करने लगे। वहीं मंत राज की शुरुआती पढ़ाई मानपुर के पॉलिटेक्निक हाई स्कूल में हुई थी। जबकि इंटर की पढ़ाई उन्होंने ब्रिटिश इंग्लिश स्कूल से पूरी की।
ऐसे मिली सफलता
मैट्रिक के बाद मंत राज ‘पटवा टोली’ में चलने वाली एक मुफ्त कोचिंग संस्था वृक्ष बी द चेंज से जुड़ गए। कोचिंग में मंत राज ने लक्ष्य पाने के सभी गुर सीखे और कठिन मेहनत करते हुए नई मिसाल कायम कर दी।
यहीं से उन्होंने इंजीनियरिंग की तैयारी शुरू की। संस्था ने उन्हें पढ़ाई के लिए सभी जरूरी किताबें और सामग्री फ्री में दी गई। संस्था में उन्हें नियमित पढ़ाई के साथ ग्रुप डिस्कशन, मॉडल पेपर, और सेल्फ स्टडी का मौका मिला। तैयारी के दौरान मंत राज दोहरी चुनौतियों से जूझते रहे। बिना थके वह रोजाना 6 से 8 घंटे पढ़ाई करते थे। उनकी आंखों की रोशनी कम होने के कारण परीक्षा में उन्हें 1 घंटे का अतिरिक्त समय भी दिया गया था। बचपन से ही उनकी आंखों में समस्या थी, जो धीरे-धीरे और बढ़ती चली गई। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और इंजीनियर बनने का सपना नहीं छोड़ा।
परिवार में खुशी का माहौल
मंत राज की सफलता पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है। उनके माता-पिता ने बताया कि वह मजदूरी कर जो पैसे भेजते थे, उसी से मंत राज पढ़ाई करते थे। अब जब वह सफल हो गए हैं, तो पूरे गांव में गर्व का माहौल है।
संस्था ‘वृक्ष बी द चेंज’ के संस्थापक रंजीत कुमार और चंद्रकांत पाटेश्वरी ने भी मंत की सफलता पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि मंत शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थे। उन्होंने मैट्रिक और इंटर दोनों में अच्छे अंक लाए थे।