नई दिल्ली। कैलिफोर्निया में रहस्मयी ढंग से खालिस्तान विरोधी विचारों के लिए जाने वाले सुखी चहल की मौत हो गई। सुखी एक व्यापारी थे और अमेरिका में ही अपना व्यापार करते थे। वो हमेंशा से ही खालिस्तान का विरोध करते थे। गुरुवार को एक परिचित के घर खाना खाने गए थे, जहां उनकी तबियत खराब हो गई थी।
नई दिल्ली। कैलिफोर्निया में रहस्मयी ढंग से खालिस्तान विरोधी विचारों के लिए जाने वाले सुखी चहल की मौत हो गई। सुखी एक व्यापारी थे और अमेरिका में ही अपना व्यापार करते थे। वो हमेंशा से ही खालिस्तान का विरोध करते थे। गुरुवार को एक परिचित के घर खाना खाने गए थे, जहां उनकी तबियत खराब हो गई थी। सुखी के दोस्त जसपाल सिंह ने बताया कि, ‘सुखी को रात के खाने के कुछ देर बाद ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
जसपाल ने बताया कि सुखी को काई बिमारी नहीं थी और वह पूरी तरह स्वस्थ थे। अचानक उनकी मौत होना संदिग्ध लग रहा है। सुखी विदेशों में खालिस्तानी तत्वों की खुलकर आलोचना के लिए जाने जाते थे। शक इस बात पर है कि सुखी की मौत 17 अगस्त को वाशिंगटन डीसी में होने वाले खालिस्तान जनमत संग्रह से पहले हुई, जिसका वो पुरजोर विरोध कर रहे थे।
लगातार जान से मारने की धमकी दे रहा थे खालिस्तान समर्थक
खालसा टुडे के संस्थापक और सीईओ सुखी चहल को खालिस्तान समर्थकों से लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। कैलिफ़ोर्निया में उनके एक जानने वाले बूटा सिंह कलेर ने बताया कि, फिर भी वो अपने विचारों पर अडिग रहे और निडरता से अपनी वकालत जारी रखी। उनके निधन से भारत समर्थक समुदायों में शोक की लहर दौड़ गई है।
सुखी मानते थे अमेरिका का कानून
बूटा सिंह ने बताया कि हाल ही में सुखी ने एक्स पर पोस्ट किया था कि अमेरिका काननू और व्यवस्था का समाज है। दूसरे देश से आने वाले पर्यटकों पर हमले बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होने लिखा था कि अगर कोई अमेरिकी कानून तोड़ता है तो उसका वीजा रद्द किया जा सकता है। वहीं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का सही कारण पता चल जाएगा और मामले की जांच की जा रही है।