सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के निलंबन (Raghav Chadha Suspension) के मामले में सोमवार को बड़ा दखल दिया है। इसके तहत निलंबन पर राज्यसभा सचिवालय (Rajya Sabha Secretariat) को नोटिस जारी कर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जवाब मांगा है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के निलंबन (Raghav Chadha Suspension) के मामले में सोमवार को बड़ा दखल दिया है। इसके तहत निलंबन पर राज्यसभा सचिवालय (Rajya Sabha Secretariat) को नोटिस जारी कर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जवाब मांगा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अटार्नी जनरल से सहायता मांगी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अब 30 अक्तूबर को इस मामले की अगली सुनवाई करेगा।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud( ने सुनवाई के दौरान कहा कि अदालत को यह जांचने की जरूरत है कि क्या किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित किया जा सकता है। आनुपातिकता का मुद्दा ये है कि क्या किसी सदस्य को निलंबित करने के लिए नियम 256 लागू किया जा सकता है। वकील शादान फरासत ने कहा ऐसा करने की कोई शक्ति नहीं है। इसे सत्र से परे नहीं किया जा सकता है। इसे सत्र से आगे बढ़ाने के लिए अंतर्निहित शक्तियों का उपयोग नहीं किया जा सकता है। यह विशेषाधिकार का उल्लंघन नहीं है ।
राघव चड्ढा ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
दरअसल, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने राज्यसभा से अपने निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। राघव चड्ढा (Raghav Chadha) को अगस्त में पांच राज्यसभा सांसदों का नाम चयन समिति में शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। उन पर दिल्ली सेवा विधेयक (Delhi Service Bill) से संबंधित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया गया है।
पीयूष गोयल ने पेश किया था निलंबन का प्रस्ताव
आप सांसद को तब तक के लिए निलंबित कर दिया गया है, जब तक उनके खिलाफ मामले की जांच कर रही विशेषाधिकार समिति (Privilege Committee) अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप देती। उनके निलंबन का प्रस्ताव भाजपा सांसद पीयूष गोयल (BJP MP Piyush Goyal) ने पेश किया, जिन्होंने चड्ढा की कार्रवाई को अनैतिक बताया। इसी को लेकर राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल कर अनिश्चित काल तक निलंबन को चुनौती दी है।