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Misleading Advertisement Case : सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को लताड़ा,कहा-‘देश सेवा का मत बनाइए बहाना…’

भ्रामक विज्ञापन मामले (Misleading Advertisement Case) में योग गुरु रामदेव (Yoga Guru Ramdev) और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (MD) आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पेश हुए और अपने आचरण के लिए माफी मांगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापन मामले (Misleading Advertisement Case) में योग गुरु रामदेव (Yoga Guru Ramdev) और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (MD) आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पेश हुए और अपने आचरण के लिए माफी मांगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) उनकी इस माफी से संतुष्ट नहीं हुआ और फटकार लगाते हुए अदालत के आदेश को गंभीरता से लेने को कहा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बेहद सख्त टिप्पणी में कहा कि ‘आप देश की सेवा करने का बहाना मत बनाइए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) हो या देश की कोई भी अदालत। आदेश का पालन होना ही चाहिए।

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बाबा रामदेव (Yoga Guru Ramdev)  और आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की दो सदस्यीय बेंच ने मंगलवार को सुनवाई की। इन दोनों की तरफ से पेश वकील बलबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  को बताया कि हलफनामा दाखिल कर दिया गया है। इस पर बेंच ने पूछा कि रामदेव (Ramdev) का हलफनामा कहां है?

हलफनामे पर भी सुप्रीम कोर्ट नाराज

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने फिर पूछा कि क्या दोनों लोग पेश हो गए हैं। इस पर उनके वकील ने बताया कि दोनों लोग कोर्ट में मौजूद हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने कहा कि इनको दो हलफनामे दाखिल करने चाहिए थे, लेकिन एक ही किया गया है, दूसरा दाखिल नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने कहा कि हमने पहले कंपनी और एमडी को जवाब दाखिल करने को कहा था, जब जवाब नहीं दाखिल किया गया तब अवमानना नोटिस जारी किया।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने बाबा रामदेव (Baba Ramdev)और स्वामी बालकृष्ण की तरफ खेद जानते को लेकर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। आपकी ओर से आश्वासन दिया गया और उसके बाद उल्लंघन किया गया। यह देश की सबसे बड़ी अदालत की तौहीन है और अब आप माफी मांग रहे हैं। यह हमें स्वीकार नहीं है।

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कोर्ट ने कहा कि आपकी माफी पर्याप्त नहीं है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में सुनवाई चल रही थी और उधर पतंजलि विज्ञापन छापे जा रहा था। आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है, आपने ऐसा क्यों किया? आपको नवंबर में वार्न किया गया था, इसके बावजूद आपने प्रेस कॉफ्रेंस किया। 21 नवंबर के कोर्ट के आदेश के बाद भी अगले दिन कंपनी, बालकृष्ण और रामदेव द्वारा प्रेस कांफ्रेंस की गई।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने कहा कि रामदेव ने कोर्ट के आदेश के 24 घंटे के भीतर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। विज्ञापन में आप प्रमोटर के तौर पर पेश होते हैं। अब 2 महीने के बाद अदालत के समक्ष पेश हुए हैं। इस पर रामदेव के वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पहले जो गलती हो गई। उसके लिए माफी मांगते हैं। इसके बाद रामदेव ने भी अदालत से माफी मांगी।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  इससे संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  हो या देश की कोई भी अदालत। आदेश का पालन होना ही चाहिए। आप माफी भी सशर्त मांग रहे है?’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अवमानना की कार्यवाही करेंगे। माफी स्वीकार नहीं, आपने क्या किया है। उसका आपको अंदाजा नहीं है। इस पर रामदेव के वकील ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  से हाथ जोड़ कर माफी मांगी।

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