लखनऊ। देश और प्रदेश में बीते कुछ सालों से ब्यूरोक्रेट्स का जलवा बढ़ता जा रहा है। भाजपा शासित राज्यों से लेकर केंद्र में भी ये देखा जा सकता है। कुछ दिग्गज नेताओं को छोड़कर ब्यूरोक्रेट्स अब सांसद, विधायक, मंत्री और संगठन के लोगों की बातों को सुनना लगभग छोड़ दिए
