बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने बिहार के विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कुछ ही दिन पहले हुए विधानसभा में विपक्षी पार्टी के विधायकों पर पुलिसिया मारपीट के सबूत को पेश करते हुए घटना में शामिल लोगो की बर्खास्तगी की मांग की है।
पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने बिहार के विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कुछ ही दिन पहले हुए विधानसभा में विपक्षी पार्टी के विधायकों पर पुलिसिया मारपीट के सबूत को पेश करते हुए घटना में शामिल लोगो की बर्खास्तगी की मांग की है। पत्र के साथ—साथ उन्होंने साक्ष्यों से जुड़ी सीडी को भी सबूत के तौर पर भेजा है। आपको बता दें कि बीतें 23 मार्च को बिहार के विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था।
लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तार-तार करते हुए 23 मार्च को बिहार विधानसभा के अंदर इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री के इशारे पर विपक्ष के माननीय सदस्यों के साथ बर्बरतापूर्ण मारपीट की गयी। इसी संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष महोदय को साक्ष्य सहित पत्र लिख दोषियों को बर्खास्त करने की माँग की। pic.twitter.com/mXbA7xiHXJ
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 5, 2021
बिहार सरकार के द्वारा बिहार में पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाले विधेयक Bihar Special Armed Police Bill 2021 को लाने का विरोध विपक्षी पार्टी के विधायकों के द्वारा किया जा रहा था। राजद,कांग्रेस समेत वामदल सभी विपक्षी पार्टी इस कानून का विरोध कर रहे थे। विरोध सिर्फ सदन में ही नहीं हो रहा था विरोध सड़को पर भी उतर आया था। सदन में इस कानून का विरोध करते करते राजद के एक विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आसन के करीब चले गये, जहां मार्शल पहुंच गये ताकि सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ उनकी हाथापाई होने से रोका जा सके।
इस दौरान दोनो पक्षों में विवाद हो गया। वहां घटना स्थल पर मौजूद मार्शल ने विपक्षी पार्टीयों को सदन के अंदर मारा और महिला विधायकों को भी पुरुषों सरीखा मारा पीटा और घसीटा गया। इस घटना को तेजस्वी यादव ने बिहार में लोकतंत्र की स्थिती को दर्शाने वाला मामला बताया था। उन्होंने सरकार पर ये आरोप लगाया था कि अगर ये कानून सदन में पास होता है तो इस कानून का गलत इस्तेमाल मौजूदा सरकार के द्वारा किया जा सकता है। और ये बिहार राज्य के लोकतंत्र के लिए खतरा है।