मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ के 120वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं एवं चिकित्सकों को सम्मानित किया और संस्थान द्वारा तैयार नियमावली पुस्तक का विमोचन भी किया।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ के 120वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं एवं चिकित्सकों को सम्मानित किया और संस्थान द्वारा तैयार नियमावली पुस्तक का विमोचन भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा, कोई व्यक्ति हो या संस्थान, उसकी पहचान संकट के समय होती है। वक्त सभी को मिलता है, कोई बिखर जाता है तो कोई निखर जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, केजीएमयू से पढ़कर निकले छात्रों ने गौरव बढ़ाया है। काल का प्रभाव किसी का इंतजार नहीं करता है। 1905 में जब इसकी स्थापना की बात हुई तो उस समय 10 लाख रुपये में शुरू हो गया था। कहा कि आज इसका दायरा डेढ़ सौ एकड़ के क्षेत्र में होने जा रहा है। देश में बहुत कम संस्थानों में इतनी सीटें हैं।
एक सफल डॉक्टर की सबसे बड़ी पूंजी होती है- उसकी संवेदना…
उसका एक ही संकल्प होता है- सर्वे संतु निरामया: pic.twitter.com/ur9tGqcTil
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 21, 2024
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इसके साथ ही कहा, हमें संस्थान और स्वयं के गौरव को बढ़ाना है। ध्यान रखें कि कोई भी मरीज निराश होकर न जाए। साथ ही कहा, शासन ने सब कुछ दिया है। आज ही नहीं आगे के 100 सालों की कार्य योजना को देखा है। सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दैरान में केजीएमयू ने मिसाल पेश की है। एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारेंटीन कर लिया। लेकिन, जांच में निगेटिव मिले। मैंने उनको निलंबित किया।
उन्होंने कहा, डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उसकी संवेदना होती है। सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का भी व्यवहार ठीक होगा। बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है। कहा कि सेवा और शिक्षा दोनों फील्ड में मानक तय करें। आगे के तीन और पांच सालों का लक्ष्य तय करें।