जब मस्तिष्क में सामान्य रक्त प्रवाह बाधित होता है, तो मस्तिष्क के एक या कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इस घटना को ब्रेन स्ट्रोक कहा जाता है। ब्रेन स्ट्रोक किसी को भी कभी भी हो सकता है। जब ऐसा होता है, तो मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह अस्थायी रूप से पूरी तरह से बंद हो जाता है।
जब मस्तिष्क में सामान्य रक्त प्रवाह बाधित होता है, तो मस्तिष्क के एक या कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इस घटना को ब्रेन स्ट्रोक कहा जाता है। ब्रेन स्ट्रोक किसी को भी कभी भी हो सकता है। जब ऐसा होता है, तो मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह अस्थायी रूप से पूरी तरह से बंद हो जाता है।
पूरी तरह से बाधित होने के कुछ ही मिनटों के भीतर, मस्तिष्क की कोशिकाएँ मरने लगती हैं। ब्रेन स्ट्रोक पर काबू पाना काफी हद तक तत्काल चिकित्सा पर निर्भर करता है। हमले के बाद, बचने की दर के लिए हर पल महत्वपूर्ण होता है। तत्काल उपचार से 80% स्ट्रोक को रोका जा सकता है।
इसके अलावा, स्ट्रोक का असर पूरी तरह से स्ट्रोक की गंभीरता और मस्तिष्क के कितने हिस्से प्रभावित हुए हैं, इस पर निर्भर करता है। मान लीजिए, अगर सिर्फ़ कुछ मस्तिष्क कोशिकाएँ प्रभावित हुई हैं, तो व्यक्ति को अपने अंगों में कुछ अस्थायी रूप से हिलने-डुलने में असमर्थता या बोलने में समस्या का अनुभव हो सकता है। ब्रेन स्टोक के मामलों में तेजी आयी है।
खान पान की वजह से नसों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जिसकी वजह से दिक्कतें होने लगती है। दिमाग की नसों में प्लाक जमने से ब्लॉकेज हो जाती है। ऐसी स्थिती में दिमाग की नस फटने सकती है। स्ट्रोक अटैक होने पर लकवा होना सबसे आम है। ब्रेन स्टोक होने से पहले शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आते है। जिससे समय रहते आप इसका इलाज करा सकते है। वरना इससे जान को खतरा हो सकता है।
स्ट्रोक को गंभीरता से लेना जरुरी है क्योंकि ब्रेन स्टोक के मामलों में तेजी आयी है। भारत में स्ट्रोक से मरने वालों का आंकड़ा दूसरे नंबर पर है। स्ट्रोक दो तरह के होते हैं। ब्लड स्ट्रोक के दौरान ब्रेन में क्लोटिंग हो जाती है जबकि दूसरे में ब्रेन हेमरेज हो जाता है। आम समस्या में ब्रेन में जो वेसल्स है वो ब्लॉक कर जाती है जिससे नयूरॉन डेड हो जाते है। ब्रेन स्ट्रोक होने पर सबसे पहला लक्षण तो चेहरे पर बदलाव नजर आ सकता है जैसे चेहरा या मुस्कान टेढ़ी हो रही हो।
इसके अलावा हाथ की बाजूओं या आर्म्स को उठाने में दिक्कत होना और कमजोरी महसूस हो सकती है। अगर बोलने में दिक्कत हो रही हो या लड़खड़ाहट हो रही हो तो यह ब्रेन स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। इसके अलावा अगर तेज सिर दर्द, चक्कर आना, कमजोरी लगना शरीर का एक साइड सुन्न पड़नने जैसा महसूस हो तो इन लक्षणों को जरा भी नजरअंदाज न करें। तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें।