प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, जिस कांग्रेस ने सत्ता के लालच में सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट दिया था, जिस कांग्रेस ने दर्जनों बार लोकतांत्रिक तरीके से आई सरकारों को रातों-रात बर्खास्त कर दिया था, जिस कांग्रेस ने अखबारों पर भी ताले लगाने की कोशिश की थी, अब देश को तोड़ने का नैरेटिव उस कांग्रेस ने गढ़ना शुरू कर दिया है। अब देश को उत्तर-दक्षिण में तोड़ने के बयान दिए जा रहे हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में अपनी बात रख रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा कि, हम बड़े धैर्य और नम्रता के साथ आपके एक-एक शब्द को सुनते रहे हैं। लेकिन आप आज भी न सुनने की तैयारी के साथ आए हैं। परंतु मेरी आवाज को आप दबा नहीं सकते। देश की जनता ने इस आवाज को ताकत दी है। इसलिए मैं भी इस बार पूरी तैयारी के साथ आया हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, जिस कांग्रेस ने सत्ता के लालच में सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट दिया था, जिस कांग्रेस ने दर्जनों बार लोकतांत्रिक तरीके से आई सरकारों को रातों-रात बर्खास्त कर दिया था, जिस कांग्रेस ने अखबारों पर भी ताले लगाने की कोशिश की थी, अब देश को तोड़ने का नैरेटिव उस कांग्रेस ने गढ़ना शुरू कर दिया है। अब देश को उत्तर-दक्षिण में तोड़ने के बयान दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, जिस कांग्रेस ने ओबीसी को पूरी तरह कभी आरक्षण नहीं दिया, जिसने सामान्य वर्ग के गरीबों को कभी आरक्षण नहीं दिया, जिसने बाबा साहब को भारत रत्न के योग्य नहीं माना, केवल अपने परिवार को भारत रत्न देते रहे। वो अब हमें उपदेश दे रहे हैं, वो अब हमें सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहे हैं। जिस कांग्रेस के अपनेकांग्रेस मोदी राज्य सभा में नेता की कोई गारंटी नहीं है, वो मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं।
इसके साथ ही कहा, कांग्रेस ने नैरेटिव फैलाया, जिसका परिणाम हुआ कि भारत की संस्कृति और संस्कारों को मानने वाले लोगों को बड़े हीन भाव से देखा जाने लगा। इस प्रकार हमारे अतीत के साथ अन्याय किया गया। इसका नेतृत्व कहां होता था, ये दुनिया भलीभांति जानती है।
पीएम मोदी ने कहा, राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में विस्तार से 4 सबसे बड़ी जातियों के विषय में हम सबको संबोधित किया था। ये 4 जातियां हैं – युवा, नारी, गरीब और हमारे अन्नदाता। हम जानते हैं कि इनकी समस्याएं और सपने एक समान है। इन चारों वर्गों की समस्याओं के समाधान के रास्ते भी एक समान ही हैं।