डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है ,लेकिन कई बार यह भगवान भी मरीजों की सेवा करने की जगह ‘गायब’ हो जाते हैं। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को परखने के लिए कानपुर नगर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Kanpur city's District Magistrate Jitendra Pratap Singh) ने मंगलवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने बताया कि 10 बजकर 10 मिनट के आसपास मुख्य चिकित्साधिकारी खुद 10 बजकर 20 मिनट तक अनुपस्थित मिले। जिसका कोई कारण नहीं है।
कानपुर। डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है ,लेकिन कई बार यह भगवान भी मरीजों की सेवा करने की जगह ‘गायब’ हो जाते हैं। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को परखने के लिए कानपुर नगर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Kanpur city’s District Magistrate Jitendra Pratap Singh) ने मंगलवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने बताया कि 10 बजकर 10 मिनट के आसपास मुख्य चिकित्साधिकारी खुद 10 बजकर 20 मिनट तक अनुपस्थित मिले। जिसका कोई कारण नहीं है।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Jitendra Pratap Singh) ने बताया कि सीएमओ कार्यालय के रजिस्टर के अनुसार सीएमओ को मिलाकर 101 लोगों की संख्या है। उसमें से करीब 34 लोग अनुपस्थित हैं। सीएमओ कार्यालय में तैनात 10 डॉटर में से पांच अनुपस्थित मिले। आउट सोर्सिंग कर्मचारी में 8 में सात अनुपस्थित हैं। इसी प्रकार से नियमित कर्मचारी 43 उसमें से 13 अनुपस्थित हैं। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय (CMO) रजिस्टर की संख्या के मुताबिक एक तिहाई स्टाफ अनुपस्थित मिला। जो टीम लीडर सीएमओ होते हैं वह खुद ही अनुपस्थित हैं।
कानपुर के DM आज अचानक चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) दफ्तर पहुंच गए। CMO साहब मिले ही नहीं। अब साहब नहीं थे तो उनके कई सरकारी कारिंदे भी दफ्तर में नहीं थे। फिर DM साहब ने विस्तार से कैमरे पर कानपुर के स्वास्थ्य विभाग की बखिया उधेड़ कर रख दी। pic.twitter.com/SA6EBFmuy0
— santosh singh (@SantoshGaharwar) February 4, 2025
कानपुर नगर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शासन का सभी कार्यालय अध्यक्षों के लिए निर्देश है जोकि सीएमओ खुद ही हैं। 10 से 12 के बीच पब्लिक को सुनेंगे और जनता दर्शन में बैठेंगे और समस्या का निराकरण करेंगे। परंतु यदि सीएमओ खुद लीड नहीं करेंगे तो बाकी टीम को कैसे मोटीवेट कर पाएगें? और अनुपस्थित बढ़ रही है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी अनुपस्थित लोगों को एक दिन का वेतन रोका जा रहा है। उचित कारण व वजह बताए बगैर वेतन नहीं जारी किया जाएगा। अनुपस्थित पर नजर रखने के लिए फिर औचक निरीक्षण किया जाएगा। यदि दुबारा रिपीट होता है तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी ताकि अनुशासन और शासन का निर्देश है उसका पालन हो सके।
बता दें कि इससे पहले दो मामले कानपुर में देखने को मिले थे। जहां डॉक्टर और नर्स आते तो हैं लेकिन हस्ताक्षर करके गायब हो जाते हैं। नव नियुक्त डीएम के छापे में जब मामला सामने आया तो डीएम ने सभी के वेतन रोकने के आदेश दे दिए। औचक निरीक्षण के दौरान यह हालात सिर्फ एक जगह नहीं बल्कि हर उस जगह पर देखने को मिले जहां जहां डीएम ने जांच की। सभी दोषियों के खिलाफ डीएम ने वेतन रोकने और विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं।
कानपुर डीएम के तौर पर जितेंद्र प्रताप सिंह ने दो दिन पहले ही ज्वॉइन किया है। सोमवार को जिलाधिकारी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र, शिवराजपुर का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। वहां पर निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि ओपीडी में चार डॉक्टर के सापेक्ष मात्र एक डॉक्टर ही उपस्थित है।
साइन मिले पर स्टाफ नहीं
तीन डॉक्टर और कई स्टाफ नर्स अनुपस्थित थे। सबसे बड़ी बात यह थी कि इन सभी के द्वारा रजिस्टर पर हस्ताक्षर तो किए गए लेकिन मौके पर सभी अनुपस्थित मिले। इस बार से जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने नाराजगी जताई है। लापरवाही के मामले में अब गायब रहे मेडिकल स्टाफ पर विभागीय जांच और कार्रवाई भी की जाएगी. वहीं वेतन भी रोके जाएंगे।
विभागीय जांच के आदेश
एक दिन पहले जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और नवाबगंज का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान भी उन्होंने डॉ. मधु चौधरी समेत आठ अन्य कर्मचारियों को केंद्र से अनुपस्थित पाया था। जिसके बाद जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उक्त सभी का वेतन रोकते हुए आवश्यक विभागीय कार्रवाई करने के त्वरित निर्देश दिए थे। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शासन द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ की तर्ज पर सभी दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। नए डीएम की ताबड़तोड़ इस कार्यवाही से शहर में हड़कंप मचा हुआ है।