नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) साफ कहते नजर आ रहे हैं कि मैं शासन में बैठा हूं मुझे मालूम है। इस प्रकार से इतनी तेजी से रुपया गिर नहीं सकता है। अरे नेपाल का रुपया, बांग्लादेश की करेंसी, पाकिस्तान की करेंसी नहीं गिरती, श्रीलंका की करेंसी नहीं गिरती क्या कारण है कि हिन्दुस्तान का रुपया पतला होता जा रहा है।
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने एच-1बी वीजा शुल्क (H-1B visa Fees) में भारी वृद्धि कर दी है। इससे बाजार में भारी उथल-पुथल मचने के बीच मंगलवार को रुपये में गिरावट जारी रही। मंगलवार दोपहर के कारोबार में अमेरिकी डॉलर (US dollar) के मुकाबले रुपये में 48 पैसे की गिरावट आई और यह अब तक के सबसे निचले स्तर 88.76 पर आ गया है।
इसी बीच कांग्रेस पार्टी अपने अधिकारिक एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का पुराना वीडियो पोस्ट पर बड़ा वार किया है। इस वीडियो में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) साफ कहते नजर आ रहे हैं कि मैं शासन में बैठा हूं मुझे मालूम है। इस प्रकार से इतनी तेजी से रुपया गिर नहीं सकता है। अरे नेपाल का रुपया, बांग्लादेश की करेंसी, पाकिस्तान की करेंसी नहीं गिरती, श्रीलंका की करेंसी नहीं गिरती क्या कारण है कि हिन्दुस्तान का रुपया पतला होता जा रहा है।
नरेंद्र मोदी, देश जवाब मांग रहा है pic.twitter.com/yeF73xw8Cu
— Congress (@INCIndia) September 23, 2025
जानें क्यों जारी है रुपये में गिरावट का दौर?
विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार एच-1बी वीजा शुल्क (H-1B Visa Fees) में वृद्धि से भारत के आईटी क्षेत्र से धन प्रेषण और संभावित इक्विटी बिकवाली से जुड़ी चिंताएं पैदा हो गई हैं। यह भारतीय मुद्रा के लिए दोहरी मार है, ऐसे समय में जब इस वर्ष विदेशी निवेश पहले से ही कमजोर है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Foreign Exchange Market) में मंगलवार को रुपया 88.41 पर खुला। इसके बाद यह कमजोर होकर डॉलर के मुकाबले 88.76 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। इस तरह इसमें पिछले बंद भाव के मुकाबले 48 पैसे की गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले रुपया 12 पैसे गिरकर 88.28 पर बंद हुआ था।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने बताया कि रुपया रिकॉर्ड निम्न स्तर की ओर जा रहा है। बाजार से जुड़े प्रतिभागी अमेरिका के नए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर के एच-1बी वीजा शुल्क (H-1B Visa Fees) के संभावित नतीजों का विश्लेषण कर रहे हैं। अमेरिकी प्रशासन के इस फैसले से अमेरिका से भारत को होने वाले धन प्रेषण में मंदी आ सकती है। इससे अमेरिका को भारत के सेवा निर्यात में भी कमी आ सकती है। जानकारों के मुताबिक वैश्विक जोखिम से बचने की प्रवृत्ति और व्यापारिक नीति की अनिश्चितता ने भी रुपये की कमजोरी को बढ़ावा दिया है।
निवेशकों ने सोमवार को शेयर बाजार से 2910 करोड़ रुपये निकाले
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक अमित पाबारी (Amit Pabari, Managing Director, CR Forex Advisors) ने कहा, कि शेयर बाजारों में घबराहट का माहौल दिखा और निवेशकों ने सोमवार को 2,910 करोड़ रुपये निकाल लिए। यह निकासी यह बताताी है कि वैश्विक नीतिगत झटके किस तरह भारत के वित्तीय बाजारों पर दबाव में बदल सकते हैं, इससे रुपये में गिरावट जारी रहेगी।”
इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत बढ़कर 97.38 पर कारोबार कर रहा था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 66.23 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
घरेलू शेयर बाजार (Domestic Stock Market) के मोर्चे पर, सेंसेक्स 271.99 अंक या 0.33 प्रतिशत गिरकर 81,887.98 पर आ गया, जबकि निफ्टी 80.65 अंक या 0.32 प्रतिशत गिरकर 25,121.70 पर आ गया। इस बीच, एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 2,910.09 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची।