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भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियां वियतनाम से लायी गईं भारत, जानिए कहां अनुयायी कर सकेंगे दर्शन

Sacred bones of Lord Buddha: वियतनाम (Vietnam) के कई शहरों में एक महीने तक आयोजित प्रदर्शनी में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष (Sacred Relics of Lord Buddha) रखे गए थे, जिसके बाद ये पवित्र अवशेष मंगलवार को भारत लौटे आए हैं। जिन्हें दिल्ली में मंगलवार (3 जून) की सुबह से एक दिन के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय में सार्वजनिक दर्शन के लिए रखा गया है। दोपहर में वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव और राजनयिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा एक औपचारिक प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी।

By Abhimanyu 
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Sacred bones of Lord Buddha: वियतनाम (Vietnam) के कई शहरों में एक महीने तक आयोजित प्रदर्शनी में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष (Sacred Relics of Lord Buddha) रखे गए थे, जिसके बाद ये पवित्र अवशेष मंगलवार को भारत लौटे आए हैं। जिन्हें दिल्ली में मंगलवार (3 जून) की सुबह से एक दिन के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय में सार्वजनिक दर्शन के लिए रखा गया है। दोपहर में वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव और राजनयिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा एक औपचारिक प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी।

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जानकारी के अनुसार, भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष (Sacred Relics of Lord Buddha) बुधवार (4 जून) को दिल्ली से वाराणसी के रास्ते सारनाथ ले जाया जाएगा, जहां उन्हें मूलगंध कुटी विहार में औपचारिक रूप से प्रतिस्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही बुद्ध द्वारा सन्निहित शांति और करुणा के शाश्वत संदेश को मजबूत करने वाली इस ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रा का सम्पन्न हो जाएगी। दरअसल, वियतनाम ने संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस (United Nations Vesak Day) के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया था। इस दौरान प्रदर्शनी के लिए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को 2 मई को वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर पहुंचे थे।

भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस (Hindon Air Base) से भारतीय वायुसेना के विशेष विमान द्वारा वियतनाम ले जाया गया था। जहां पर प्रदर्शनी के दौरान व्यापक आध्यात्मिक अनुभव के बाद ये अवशेष 2 जून की रात भारतीय वायुसेना के विमान से भारत लौट आए। ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति (Governor Hari Babu Kambhampati) के नेतृत्व में भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ भारतीय भिक्षुओं के साथ अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के अधिकारियों की मौजूदगी में इन अवशेषों को पालम वायु सेना स्टेशन पर औपचारिक रूप से प्राप्त किया।

भारत सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया, ‘‘वियतनाम के दक्षिण से उत्तर तक कई प्रतिष्ठित स्थानों से होकर गुजरी इस यात्रा ने कुल 1.78 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। श्रद्धा और सांस्कृतिक एकजुटता के इस गहन प्रदर्शन ने बौद्धों और आध्यात्मिक साधकों को एकजुट करने का काम किया।’’

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