पुराने समय से शादी बारातो में पत्तलों में खाना खाया जाता था। पत्तल में खाना और मिट्टी के कुल्हड़ में पानी पिया जाता था। समय बदलने के बाद कागज या प्लास्टिक को प्लेटो और ग्लासो में खाने पीने का चलन शुरु हो गया। पर क्या आप जानते है पत्तल में खाना खाने से क्या फायदे होते है।
पुराने समय से शादी बारातो में पत्तलों में खाना खाया जाता था। पत्तल में खाना और मिट्टी के कुल्हड़ में पानी पिया जाता था। समय बदलने के बाद कागज या प्लास्टिक को प्लेटो और ग्लासो में खाने पीने का चलन शुरु हो गया। पर क्या आप जानते है पत्तल में खाना खाने से क्या फायदे होते है।
सुपारी के पत्तों से बनाई गई प्लेट, कटोरी व ट्रे में भोजन खाना स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है। सुपारी ही नहीं पलाश के पत्तों की थाली पत्तलों में खाना खाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। कृमि, कफ, खांसी, अपच व पेट संबंधी व रक्त संबंधी अन्य बीमारियां होने की संभावना कम होती है। वहीं अगर हम देखें तो दक्षिण भारत में केले के पत्ते में खाना खाने का चलन है। अपको जानकर हैरानी होगी कि पलाश के पत्ते ये तैयार पत्तल को बवासिर (पाइल्स) के रोगियों के लिये उपयोगी माना जाता है।
वहीं केले के पत्ते पर भी खाना खाने से काफी फायदा पहुंचता है। आज भी दक्षिण भारत में केले के पत्ते पर ही भोजन परोसने की परंपरा है। इससे फोड़े फुंसी की बीमारियों से बचाव होता है। पेट संबंधित बीमारियां जैसे कब्ज, अपच, गैस की समस्याएं दूर होती है, दरअसल केले के पत्ते में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आपको इन समस्याओं से बचाते हैं।
सागौन के पत्ते के बारे में भले ही बहुत कम लोगों को मालूम हो लेकिन बड़े बुजुर्ग इसके पत्ते को काफी फायदेमंद बताते हैं। सागौन के पत्ते फाइबर से भरपूर होते हैं। इस पत्ते में कसैले गुण पाए जाते हैं और यह कसैले गुण स्किन के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। यह स्किन को ग्लोइंग बनाते हैं। इसमें विटामिन सी पाया जाता है जो स्किन को हाइड्रेट करता है और निखार लाता है।