ब्रिटेन में आम चुनाव (UK Election) 4 जुलाई को होने का ऐलान हो गया है। इसके बाद भारतीय मूल के 44 वर्षीय ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (PM Rishi Sunak) को अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) में संकट और विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनकी पार्टी के कई बड़े नेताओं ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी है।
लंदन। ब्रिटेन में आम चुनाव (UK Election) 4 जुलाई को होने का ऐलान हो गया है। इसके बाद भारतीय मूल के 44 वर्षीय ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (PM Rishi Sunak) को अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) में संकट और विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनकी पार्टी के कई बड़े नेताओं ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी है। सांसद के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उनकी देखादेखी कई दूसरे सांसदों ने भी चुनाव से पलायन करने का फैसला किया है। बताया गया है कि कजर्वेटिव पार्टी के ऐसे सांसदों की संख्या कम से कम 78 है। ऋषि सुनक सांसदों के बड़े पैमाने पर पलायन के बीच अपने सहयोगियों और परिवार के साथ कुछ निजी समय निकाल रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री माइकल गोव (Cabinet Minister Michael Gove) और एंड्रिया लेडसम इस चुनाव में दोबारा चुनाव न लड़ने के अपने फैसले की घोषणा करने वाले नवीनतम टोरी फ्रंटलाइनर बन गए, जिससे चुनावी दौड़ छोड़ने वाले पार्टी सदस्यों की संख्या 78 हो गई। शुक्रवार शाम को सोशल मीडिया पर जारी एक पत्र में गोव की घोषणा देश भर के निर्वाचन क्षेत्रों में मौजूदा टोरीज के लिए कड़ी चुनौतियों के बीच पहले से ही तय मानी जा रही थी। वहीं लेडसम ने कुछ ही समय बाद अपना पत्र जारी किया। जिसमें सुनक को लिखा गया कि सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, मैंने आगामी चुनाव में उम्मीदवार के रूप में खड़ा नहीं होने का फैसला किया है।
पूर्व प्रधान मंत्री थेरेसा मे भी इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ सांसदों में से हैं। पूर्व रक्षा मंत्री बेन वालेस ने पहले ही फ्रंटलाइन राजनीति छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा कर दी है। गार्जियन अखबार के मुताबिक ऋषि सुनक चुनाव अभियान के पहले हफ्ते में सार्वजनिक कार्यक्रमों से एक दिन दूर रहने का असामान्य कदम उठा रहे हैं। इसके बजाय वह इसे अपने करीबी सलाहकारों के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा में बिताएंगे।
ऐसा तब हुआ जब ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने बुधवार को आम चुनाव की घोषणा की। इसके बाद पहले YouGov जनमत सर्वेक्षण में लेबर पार्टी की बढ़त तीन अंक कम हो गई। गुरुवार और शुक्रवार को किए गए सर्वेक्षण में कंजर्वेटिवों को एक अंक से 22 प्रतिशत तक की बढ़त दिखाई गई है, जबकि लेबर को दो से 44 प्रतिशत की गिरावट हुई है।