केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर (Union Minister Shantanu Thakur) ने देश में अगले सात दिनों के भीतर नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने का दावा किया है। उन्होंने दक्षिण 24 परगना (South 24 Parganas) के काकद्वीप में एक सार्वजनिक बैठक में भाषण के दौरान यह बात कही। शांतनु ठाकुर (Shantanu Thakur) ने लिखित में इसकी गारंटी भी दी है।
कोलकाता। केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर (Union Minister Shantanu Thakur) ने देश में अगले सात दिनों के भीतर नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने का दावा किया है। उन्होंने दक्षिण 24 परगना (South 24 Parganas) के काकद्वीप में एक सार्वजनिक बैठक में भाषण के दौरान यह बात कही। शांतनु ठाकुर (Shantanu Thakur) ने लिखित में इसकी गारंटी भी दी है।
सीएए को लागू करने का दावा
मीडिया से बात करते हुए शांतनु ठाकुर (Shantanu Thakur) ने कहा कि धार्मिक, सामाजिक और नीति पर विचार करने के बाद ही सीएए को लागू किया जाएगा। सीएए (CAA) को अचानक लागू करने से देश में तनाव की स्थिति पैदा हो सकती थी। अब गृह मंत्रालय (Home Ministry) की तरफ से इस फैसले को लिया गया है। सात दिनों के भीतर देश में सीएए (CAA) लागू किया जाएगा। इसकी गारंटी मैंने आपको दे दी है। राज्य में इसे लागू करने की आवश्यकता नहीं है। इसे लेकर हमें मुख्यमंत्री से बात करने की जरूरत नहीं है। यह केंद्र सरकार का मुद्दा है।’
केंद्रीय मृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने पिछले साल दिसंबर में सीएए को ‘देश का कनून’ बताते हुए कहा था कि इसे लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने इसी के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) पर सीएए (CAA) को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया था। इसका पलटवार करते हुए सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने कहा कि वे लोगों को विभाजित करना चाहते हैं। वे किसी और को नागरिकता देना चाहते हैं और दूसरो को इससे वंचित रखना चाहते हैं।
2019 में पारित हुआ था सीएए
दिसंबर 2019 में संसद में सीएए पारित किया गया था। इसके तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिमों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दी जाने की बात कही गई थी। कानून पारित होने और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। बंगाल में साल 2020 में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने घोषणा की थी कि वह पश्चिम बंगाल में सीएए, एनपीआर और एनआरसी की अनुमति नहीं देगी।