कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप में सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। इन खबरों के बीच इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने ऐतिहासिक बड़े इमामबाड़े सहित हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन शहर के सभी बड़े इमामबाड़ों को कोविड अस्पताल बनाने की पेशकश की है।
लखनऊ। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप में सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। इन खबरों के बीच इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने ऐतिहासिक बड़े इमामबाड़े सहित हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन शहर के सभी बड़े इमामबाड़ों को कोविड अस्पताल बनाने की पेशकश की है।
मौलाना जव्वाद ने कहा कि कुरानें मजीद का एलान है कि अगर किसी ने एक इंसान की जान बचाई, तो समझो उसने पूरी इंसानियत की जान बचाई। मौलाना ने कहा कि मौजूदा वक्त में इंसानियत खतरे में है। ऐसे में लोगों की मदद के लिए मुस्लिम संगठनों को आगे आना चाहिए।
मौलाना ने कहा कि ऐतिहासिक बड़ा इमामबाड़ा की विशाल इमारत है। जहां सैकड़ों बिस्तर बिछ सकते हैं और बीमारों का इलाज हो सकता है। लिहाजा यहां लोगों को भर्ती किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद ट्रस्ट के पास करोड़ों का फण्ड है। जो मुहर्रम और रमजान में खर्च किया जाता है। बीते दो साल से ये पैसा खर्च नहीं हो रहा है।
ट्रस्ट को चाहिए कि बचा पैसा कोविड के मरीजों के इलाज पर खर्च करना चाहिए। मौलाना ने कहा कि इंसान की जान बचाना सबसे बड़ी इबादत है। इसलिए जितनी बड़ी इबादतगाह है। उसका इस्तमाल करना चाहिए। उन्होंने ने कहा कि हुसैनाबाद ट्रस्ट के चेयरमैन डीएम हैं । इसलिए उन्हें लोगों के इलाज के लिए ट्रस्ट के इमामबाड़ों का इस्तेमाल करना चाहिए।