मार्गशीर्ष माह को लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण का महीना कहा गया है। इस माह में पवित्र नदियों,जलस्रोतों, कुड़ों में स्नान, और जरूरतमंदों को दान बहुत फलित माना जाता है।
Utpanna Ekadashi 2025 : मार्गशीर्ष माह को लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण का महीना कहा गया है। इस माह में पवित्र नदियों,जलस्रोतों, कुड़ों में स्नान, और जरूरतमंदों को दान बहुत फलित माना जाता है। वहीं इस मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,उत्पन्ना एकादशी को मोक्षदायिनी माना जाता है। इस व्रत में मंत्र जाप और व्रत कथा पढ़ने का विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु अति प्रसन्न होते है और मनोकामना सिद्धि का वरदान प्रदान करते है।
पंचांग के अनुसार, 15 नवंबर को देर रात 12 बजकर 49 मिनट पर अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 16 नवंबर को देर रात 02 बजकर 37 मिनट पर मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना होती है। इसके लिए 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी।
श्रीहरि का करें अभिषेक
एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल से श्रीहरि का अभिषेक करें। अभिषेक के दौरान पीतांबरी वस्त्र ही धारण करें। जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन व दान-दक्षिणा देना चाहिए। इसके बाद स्वयं को भोजन ग्रहण करके व्रत खोलना चाहिए।